राष्ट्रपति पुतिन का ऐलान, पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुगंस्क को दी अलग देश की मान्यता

Update: 2022-02-22 00:42 GMT

रूस और यूक्रेन के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्र को संबोधित किया. राष्ट्र को संबोधित करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जो ऐलान किया है उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है. पुतिन ने ऐलान किया है कि रूस, पूर्वी यूक्रेन के दो अलग-अलग क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देगा. रूस, स्वघोषित गणराज्य डोनेत्स्क (Donetsk) और लुगंस्क (Lugansk) को अलग देश के रूप में मान्यता देगा.

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रूस के राष्ट्रपति ने डोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) और लुगंस्क पीपुल्स रिपब्लिक (एलपीआर) की मान्यता से संबंधित कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं. रूसी राष्ट्रपति ने डीपीआर के प्रमुख डेनिस पुशिलिन और एलपीआर के प्रमुख लियोनिद पासचनिक के साथ संधि पर भी हस्ताक्षर किए हैं. रूस और डीपीआर, एलपीआर के बीच ये संधि मैत्री, सहयोग और पारस्परिक सहायता को लेकर है.

 समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि जिन लोगों ने हिंसा, रक्तपात, अराजकता के रास्ते पर चलना शुरू किया, उन्होंने डॉनबास के मसले को नहीं पहचाना. डोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और पीपुल्स रिपब्लिक लुगंस्ककी स्वतंत्रता और संप्रभुता को पहचानें. उन्होंने ये भी कहा कि रूसी संघ की संघीय विधानसभा से इस निर्णय का समर्थन करने के लिए कहेंगे और फिर इन गणराज्यों के साथ दोस्ती और पारस्परिक सहायता के लिए दो संधियां करेंगे जिससे संबंधित दस्तावेज जल्द ही तैयार किए जाएंगे. रूसी राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद अब यूक्रेन के इस इलाके में रूसी सैनिकों के प्रवेश करने की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं.

स्काई न्यूज के मुताबिक अपने संबोधन में पुतिन ने कहा कि नाटो में यूक्रेन का शामिल होना रूस की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है. हाल की घटनाएं यूक्रेन में नाटो के सैनिकों की तेजी से तैनाती के लिए कवर की तरह रही हैं. उन्होंने दावा किया यूक्रेन में नाटो ट्रेनिंग सेंटर नाटो के सैन्य ठिकाने के बराबर है. यूक्रेन का संविधान विदेशी सैन्य बेस की इजाजत नहीं देता. रूसी राष्ट्रपति ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए ये भी कहा कि यूक्रेन की योजना परमाणु हथियार बनाने की है.

उन्होंने कहा कि आधुनिक यूक्रेन का निर्माण पूरी तरह से रूस ने किया था. ये प्रक्रिया 1917 की क्रांति के तुरंत बाद शुरू हुई थी. बोल्शेविक की नीति के कारण सोवियत यूक्रेन का उदय हुआ, जिसे आज भी 'व्लादिमीर इलिच लेनिन का यूक्रेन' कहा जाता है. वह इसके वास्तुकार हैं जिसकी पुष्टि दस्तावेज भी करते हैं. व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अब यूक्रेन में लेनिन के स्मारकों को ध्वस्त कर दिया गया. इसे वे डीकम्युनाइजेशन कहते हैं. क्या आप डीकम्युनाइजेशन चाहते हैं? यह अनावश्यक है. हम यूक्रेन को ये दिखाने के लिए तैयार हैं कि वास्तविक डीकम्युनाइजेशन का क्या मतलब होता है.

व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अगर यूक्रेन को सामूहिक विनाश के हथियार मिल जाते हैं तो वैश्विक स्थिति में बड़ा बदलाव होगा. हाल के महीनों में यूक्रेन पश्चिमी हथियारों से भर गया है. नाटो के प्रशिक्षक यूक्रेन में सैन्य अभ्यास के दौरान लगातार मौजूद थे. उन्होंने अमेरिका और नाटो पर यूक्रेन को युद्ध के रंगमंच में बदलने का आरोप लगाया और कहा कि यूक्रेन, एक कठपुतली शासन वाला अमेरिकी उपनिवेश है. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन, स्थिरता प्राप्त करने में सक्षम नहीं है. इसीलिए उसे अमेरिका जैसी विदेशी ताकतों पर निर्भर रहना पड़ा. यूक्रेन के अधिकारी राष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार के वायरस से ग्रस्त हो गए हैं. विदेशी ताकतें हर स्तर के अधिकारियों को प्रभावित कर रही हैं. यूक्रेन में अमेरिकी दूतावास एंटी करप्शन वाहनों को कंट्रोल करता है. वहां रूसी भाषा को हाशिए पर डाल दिया गया है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर रूसी गैस की चोरी करने का आरोप भी लगाया और कहा कि वे ऊर्जा का उपयोग हमें ब्लैकमेल करने के लिए कर चुके हैं. सोवियत रूस के बाद यूक्रेन के व्यवहार को लेकर भी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि वहां के नेता बिना किसी दायित्व के रूस से सभी अच्छी चीजें चाहते हैं. पूर्वी यूक्रेन में नए नाजियों का उदय हो रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वे हमें प्रतिबंधों की धमकी देकर ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं. इनका केवल एक ही लक्ष्य है- रूस के विकास को रोकना और वे ऐसा करेंगे. हम अपनी संप्रभुता, राष्ट्रीय हितों और हमारे मूल्यों से कभी समझौता नहीं करेंगे.

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