राष्ट्रपति ने 18-60 वर्ष वाले नागरिकों को 1 साल तक सेना में अनिवार्य सेवा के लिए बुलाया, ये है वजह
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रूस और यूक्रेन के कई महीनों से चला आ रहा तनाव अब युद्ध की ओर बढ़ता दिख रहा है. पहले मंगलवार को रूस द्वारा यूक्रेन के 2 प्रांतों को अलग देश की मान्यता दी गई. वहीं बुधवार को यूक्रेन के बॉर्डर पर सेना की तैनाती बढ़ाने की भी खबरें आईं. आशंका जताई जा रही है कि रूस कभी भी हमला कर सकता है. वहीं यूक्रेन के अंदर रूस समर्थित अलगाववादियों ने हमला शुरू भी कर दिया है. इन सब खतरों को देखते हुए अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदिमीर जेलेंस्की ने राष्ट्रपति ने 18-60 वर्ष वाले नागरिकों को 1 साल तक सेना में अनिवार्य सेवा के लिए बुलायाउम्र वाले reservists को कम से कम 1 साल की सेवा के लिए बुलाया है.
यह रीकॉल युद्ध के खतरे को देखते हुए किया गया है. यहां आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर Reservists है क्या. यह अलग-अलग देशों के नियमों के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. आसान शब्दों में कहें तो कई देश इमरजेंसी में देश के हर नागरिक के लिए सेना में भर्ती को अनिवार्य रखने का कानून रखते हैं. जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जाता है. Reservists एक तरह से इन्हीं को कहा जाता है. ये वैसे सैनिक होते हैं जो आर्मी में नियमित रूप से सेवा नहीं देते, लेकिन जरूरत पड़ने पर इन्हें बुलाया जा सकता है. यूक्रेन में इस कैटेगिरी को 18 से 60 साल की उम्र तक रखा गया है. यूक्रेन ने अभी ऐसे ही लोगों को 1 साल के लिए रीकॉल किया है.
वैसे तो रूस के यूक्रेन में घुसने की खबरें लगातार आ रही हैं, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इस बीच ऑस्ट्रेलिया का दावा है कि अगले 24 घंटे में रूस की सेना यूक्रेन पर पूरी तरह से हमला कर सकती है. वहीं इस दावे के बाद यूक्रेन में अलगाववादियों ने यूक्रेन की सेना पर हमला कर दिया. इस हमले में एक जवान की मौत की बात सामने आई है.