राष्ट्रपति बोल्सोनारो का बयान: 'नहीं लूंगा कोरोना वैक्सीन, और न...लेने दूंगा

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने एक बार फिर दोहराया है

Update: 2020-12-18 06:14 GMT

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने एक बार फिर दोहराया है कि वह कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे. साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि हेल्थ रेगुलेशन की मंजूरी के बाद देश के सभी नागरिकों को वैक्सीन पेशकश की जाएगी, लेकिन जो लोग नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें नहीं लेना है. आप किसी को वैक्सीन लेने के लिए कैसे मजबूर कर सकते हैं, जिसने तीसरे चरण का ट्रायल भी पूरा नहीं किया है.

राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने कहा, 'मैं कोरोना वैक्सीन नहीं लूंगा. कुछ लोग कहते हैं कि मैं ऐसा करके गलत उदाहरण सेट कर रहा हूं. जो कहता है कि मैं एक मूर्ख हूं, मुझे पहले संक्रमण हो चुका है, मेरे पास एंटीबॉडीज हैं, फिर मैं ये वैक्सीन क्यों लूं?
बोल्सोनारो ने आगे कहा, "आप सभी बताना चाहता हूं कि फाइजर की वैक्सीन के कॉन्ट्रेक्ट में साफ-साफ लिखा है कि 'कंपनी किसी भी दुष्प्रभाव के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.' अगर आप एक मगरमच्छ बन जाते हैं तो यह आपकी समस्या है. मैं दूसरे जानवर के बारे में बात नहीं कर रहा हूं क्योंकि यह बुद्धिमानी नहीं होगी. अगर आप एक सुपरमैन बन जाते हैं, अगर कुछ महिलाओं की दाढ़ी निकलने लगती हैं या कोई पुरुष महिलाओं की तरह बात करने लगता है तो यह मेरी गलती नहीं है."
ब्राजील में वैक्सीनेशन जागरूकता अभियान
वहीं ब्राजील सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियान शुरू किया है. दरअसल, ब्रजील संक्रमण के मामलों के हिसाब से दुनियाभर में तीसरे स्थान पर और मौतों के मामले में दूसरे स्थान पर. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार को राष्ट्रपति के मुख्यालय में राष्ट्रीय कोविड-19 वैक्सीनेशन योजना पेश करते हुए हेल्थ सर्विलांस के सचिव अर्नाल्डो मेडेयरोस के हवाले से कहा, "आज हम दो चरणों में एक संचार अभियान शुरू कर रहे हैं."
अधिकारियों ने एक ऐप डिजाइन किया है जिसे अभियान के हिस्से के रूप में परामर्श के लिए स्मार्टफोन में डाउनलोड किया जा सकता है. मेडेयरोस ने कहा, "आप मुफ्त में एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकते हैं. हम बस एक इम्यूनाइज्ड ब्राजील चाहते हैं." वैक्सीनेशन से जुड़ी योजना अधिक खतरे वाले समूहों के अंतर्गत आने वाले कुछ 5 करोड़ लोगों को प्राथमिकता देगी, जिनमें बुजुर्ग और स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ता शामिल हैं.


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