प्रचंड ने PM ओली के खिलाफ जबरदस्त मोर्चाबंदी की तैयारी, मांगी भारत और चीन से मदद
नेपाल में सत्ताधारी दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) से अलग हुए
नेपाल में सत्ताधारी दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) से अलग हुए गुट के अध्यक्ष पुष्प कुमार दहल प्रचंड ने मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ भारत और चीन से मदद मांगी। प्रचंड ने कहा कि उनका दल भारत और चीन समेत समूचे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करता है कि वे प्रधानमंत्री ओली के संसद भंग करने के असांविधानिक व अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ हमारे संघर्ष को समर्थन दें।
संसद भंग करने के फैसले को गलत ठहराने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की अपील
ओली ने 20 दिसंबर को सबको हैरान करते हुए संसद के 275 सदस्यीय निचले सदन प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था। पीएम ने यह कदम पार्टी पर नियंत्रण बनाने के लिए प्रचंड के साथ चल रहे गतिरोध के बीच उठाया था। इसके बाद से ही नेपाल राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। ओली के इस कदम के खिलाफ एनसीपी के अंदर बड़े पैमाने पर असंतोष फैल गया था और प्रचंड के नेतृत्व में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था। प्रचंड सत्ताधारी दल के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।
प्रचंड ने काठमांडो में चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, यदि हम संघवाद और लोकतंत्र को मजबूत करना चाहते हैं तो प्रतिनिधि सभा को दोबारा बहाल करना होगा। साथ ही तर्कपूर्ण हल के लिए शांति प्रक्रिया शुरू करनी होगी। बुधवार को काठमांडो में बुलाई गई महारैली से पहले उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री ओली के इस असांविधानिक व अलोकतांत्रिक कदम का समर्थन नहीं करेगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रतिनिधि सभा बहाल नहीं की गई तो देश गंभीर राजनीतिक संकट में फंस जाएगा। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी पड़ोसी देशों भारत व चीन समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ओली के इस अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ चल रहे हमारे संघर्ष को समर्थन देने की अपील करती है।
हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताना चाहते हैं कि ओली के इस कदम के परिणाम के तौर पर लोकतंत्र का पतन के तौर पर सामने आएगा। उन्होंने कहा, हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मुश्किल से हासिल किए गए संघवाद व लोकतंत्र की रक्षा करने की अपील करते हैं।
श्रीराम मंदिर निर्माण पर बोले ओली कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष या हिंदू संगठन के
प्रचंड से प्रधानमंत्री ओली के हाल ही में पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा करने, मंदिर को सरकारी खजाने से 30 करोड़ रुपये का दान देने, चितवन में राम मंदिर निर्माण की घोषणा करने व भगवान श्रीराम के जन्मस्थल को लेकर विवादित टिप्पणी करने जैसे कदमों को लेकर सवाल पूछा गया। प्रचंड ने उल्टा सवाल दागते हुए कहा, ओली कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष हैं या एक हिंदू संगठन के?