युद्ध को रोकने में विफल रही पोप की कूटनीति, नहीं जा सकते हैं मॉस्को
वह रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च के साथ संबंध सुधारने के प्रयास में भी रत हैं, जो एक हजार से भी ज्यादा साल पहले टूट गए थे.
रूस और यूक्रेन के बीच 2 महीने से ज्यादा समय से युद्ध जारी है और रूसी सेना लगातार हमले कर रही है. यूक्रेन पर रूस के हमले में पोप फ्रांसिस कोई कूटनीतिक छाप नहीं छोड़ पाए. ईस्टर पर युद्धविराम की करने की उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ. रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख से उनकी तय बैठक रद्द कर दी गई और वह मॉस्को भी नहीं जा सकते.
रूस-यूक्रेन की मित्रता प्रदर्शित करने का प्रयास असफल
रूस-यूक्रेन की मित्रता प्रदर्शित करने का पोप फ्रांसिस (Pope Francis) का प्रयास भी असफल साबित हुआ. पोप अपने नैतिक अधिकार, 'सॉफ्ट पावर' या मॉस्को से बातचीत के लिए सीधी लाइन होने की सुविधा का इस्तेमाल युद्ध को रोकने या कम से कम संघर्ष विराम के लिए भी नहीं कर सके.
विचित्र स्थिति में हैं पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस (Pope Francis) इस समय एक विचित्र स्थिति में हैं, जहां रूस या राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का नाम लेने से इनकार करने और रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख के साथ अच्छे संबंध का बचाव करने को लेकर उन्हें स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है. वह कहते हैं, पोप यह नहीं करते. रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख ने आध्यात्मिक कारणों से युद्ध को सही ठहराया है.
शांति का संदेश दे रहे पोप
पोप फ्रांसिस (Pope Francis) यूक्रेन के लोगों को शांति का संदेश दे रहे हैं, मानवीय सहायता के साथ कार्डिनल भेज रहे हैं और कथित तौर पर मारिउपोल से लोगों को निकालने के लिए वेटिकन की ओर से पोत भेजने का भी प्रस्ताव दे रहे हैं. इसके साथ ही वह रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च के साथ संबंध सुधारने के प्रयास में भी रत हैं, जो एक हजार से भी ज्यादा साल पहले टूट गए थे.