नन ग्लोरिया से मिले पोप फ्रांसिस, जिहादियों की कैद में रहने के बाद हुईं आजाद
कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धार्मिक नेता पोप फ्रांसिस ने रविवार को कोलंबिया की नन ग्लोरिया सेसिलिया नारवेज (Gloria Cecilia Narvaez) से मुलाकात की है.
कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धार्मिक नेता पोप फ्रांसिस ने रविवार को कोलंबिया की नन ग्लोरिया सेसिलिया नारवेज (Gloria Cecilia Narvaez) से मुलाकात की है. वह वही नन हैं, जिन्हें माली में जिहादियों ने करीब पांच साल तक कैद में रखने के बाद छोड़ा है. इस बात की जानकारी वैटिकन के प्रवक्ता ने दी है. सिस्टर ग्लोरिया को 7 फरवरी, 2017 में बुर्किना फासो की सीमा के पास दक्षिणी माली में बंधक बना लिया गया था, जहां वह एक मिशनरी के रूप में काम कर रही थीं.
प्रवक्ता माटियो ब्रूनी ने एक बयान में कहा, 'आज सुबह, पवित्र उत्सव से पहले पोप ने हाल ही में कैद से आदाज हुईं कोलंबिया की सिस्टर ग्लोरिया सेसिलिया नारवेज से मुलाकात की है.' माली सरकार ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा था कि सिस्टर ग्लोरिया को कैद से छोड़ दिया गया है (Pope Francis Meets Colombian Nun). राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट करते हुए सिस्टर की बहादुरी और हिम्मत को सलाम किया, साथ ही कैद के बाद की उनकी तस्वीर भी पोस्ट की. ग्लोरिया ने माली के अंतरिम राष्ट्रपति कर्नल अस्सीमी गोइता और आर्कबिशप बमाको जीन जर्बो से मुलाकात की है.
आर्कबिशप बमाको जीन जर्बो के साथ ग्लोरिया
नन ने कहा, 'मैं माली प्रशासन, वहां के राष्ट्रपति और सभी माली अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहती हूं, उन्होंने मुझे आजाद कराने के लिए काफी कोशिश की है.' राष्ट्रपति कार्यालय ने जो तस्वीरें जारी की हैं, उनमें ग्लोरिया पीले रंग के कपड़े पहने काफी खुश दिखाई दे रही हैं (Jihadis in Africa). उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं, मैं इन पांच सालों तक स्वस्थ रही, इसके लिए प्रभु का शुक्रिया करती हूं.' राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि कई खुफियों एजेंसियों की चार साल आठ महीने तक की गई मेहनत के बाद ग्लोरिया को रिहा कराया गया है.
दो ननों को बचाने के लिए खुद आगे आईं
आधिकारिक बयान में, गोइता ने आश्वासन दिया कि उन सभी की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए 'प्रयास जारी हैं' जो अब भी माली में कैद हैं. नन को शनिवार शाम विमान से रोम लाया गया है. 59 साल की सिस्टर ग्लोरिया का बमाको से 400 किलोमीटर (250 मील) पूर्व में कौटियाला के पास से अपहरण हुआ था (Pope Francis Meets Colombia Nun). उन्होंने तीन अन्य ननों के साथ करंगासो के पल्ली में छह साल तक एक मिशनरी के रूप में काम किया था. उनकी एक सहयोगी, सिस्टर कारमेन इसाबेल वालेंसिया के अनुसार, ग्लोरिया दो कम उम्र की नन के स्थान पर खुद आगे आ गई थीं, जिन्हें अपहरणकर्ता अपने साथ ले जा रहे थे.
कैद के दौरान कुरान भी सीखनी पड़ी
बीते साल जुलाई में रेड क्रॉस को लिखे एक खत में सिस्टर के भाई ने कहा था कि उन्हें जीसीआईएम नाम के संगठन ने अगवा किया है, जो अल-कायदा से जुड़ा संगठन है (Kidnappings in Mali). यह साहेल का सबसे बड़ा जिहादी गठबंधन है. ग्लोरिया को रिहा कराने के लिए जिहादियों से बातचीत की गई. इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि कैद के दौरान नन को काफी परेशान किया जाता था और उस वक्त उन्हें मजबूरन कुरान भी सीखनी पड़ी. कोलंबिया की उप राष्ट्रपति और विदेश मंत्री मारटा लुसिया मरिरेज ने ग्लोरिया की रिहाई पर खुशी जताई है.