पोप फ्रांसिस ने इराक के ईसाइयों से की अपील, कहा- मुस्लिम चरमपंथियों के अत्याचार माफ करें, हिम्मत रखें

दोनों धर्मगुरुओं ने कई मुद्दों पर बातचीत की.

Update: 2021-03-08 06:13 GMT

पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने इराक के ईसाइयों (Christianity) से मुस्लिम चरमपंथियों (Muslim Extremists) द्वारा उन पर किए गए अत्याचार को माफ करने की अपील की है. उन्होंने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के हमले में तबाह कर दिए गए समुदाय के ऐतिहासिक स्थल में गिरजाघरों के भग्नावशेषों के दौरे पर यह बात कही. पोप के पहुंचते ही क्वाराकोश शहर (Qaraqosh City) के गिरजाघरों के घंटे बज उठे. फ्रांसिस ने श्रद्धालुओं से खचाखच भरे गिरजाघर में कहा कि ईसाइयों के लिए माफी एक महत्वपूर्ण शब्द है.

उन्होंने कहा, 'उबरने की राह अब भी थोड़ी लंबी है, लेकिन मैं आपसे कहता हूं कि कृपया निराश नहीं हों. माफ कर देने की जरूरत है, लेकिन हिम्मत मत हारिए.' इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिए जाने के बाद क्वाराकोश गिरजाघर का व्यापक रूप से जीर्णोद्धार किया गया है (Pope Francis Iraq Visit). इससे पहले पोप फ्रांसिस ने इराक के शीर्षतम शिया धर्मगुरू ने मुलाकात की थी. उन्होंने इस दौरान शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश दिया और इस युद्ध प्रभावित अरब देश के मुसलमानों से लंबे समय से मुश्किलों से घिरे ईसाई समुदाय को गले लगाने की अपील की.
शांति से रहना चाहिए- सिस्तानी
शीर्षतम शिया धर्मगुरू अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी ने कहा कि धर्म विषयक अधिकारियों का इराक के ईसाइयों की रक्षा करने में अहम भूमिका है और उन्हें शांति से रहना चाहिए एवं अन्य इराकियों की भांति अधिकारों का उपभोग करना चाहिए (Pope Francis Going to Iraq ). वैटिकन ने कहा कि फ्रांसिस ने इराक के हाल के इतिहास में सबसे हिंसक दौरों में से कुछ के दौरान 'सबसे अधिक उत्पीड़न के शिकार रहे सबसे कमजोर लोगों की रक्षा के पक्ष में आवाज उठाने को लेकर' अली अल-सिस्तानी को धन्यवाद दिया.
वरिष्ठतम धर्मगुरूओं में एक हैं सिस्तानी
अल सिस्तानी (90) शिया इस्लाम में वरिष्ठतम धर्मगुरूओं में एक हैं और उनके दुर्लभ एवं प्रभावशाली राजनीतिक हस्तक्षेप ने वर्तमान इराक की रूपरेखा तय करने में मदद की है. वह शिया बहुल इराके में बहुत सम्मानीय हस्ती हैं और धार्मिक एवं अन्य विषयों पर उनकी राय दुनियाभर में शिया समुदाय के लोग मांगते हैं. फ्रांसिस के साथ उनकी इस ऐतिहासिक बैठक से पहले महीनों तक उसकी तैयारी की गई और अयातुल्ला के कार्यालय एवं वैटिकन ने उसकी एक एक बारीकियों पर चर्चा की (Pope Francis Will Visit Iraq). पोप फ्रांसिस और अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी ने शनिवार को इराक के नजफ शहर में बैठक की. दोनों धर्मगुरुओं ने कई मुद्दों पर बातचीत की.


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