Politics of Nepal : नेपाल में सियासी भूचाल : प्रचंड का बड़ा दावा

Update: 2025-03-15 02:52 GMT
Politics of Nepal : नेपाल में सियासी भूचाल : प्रचंड का बड़ा दावा
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Politics of Nepalनेपाल | नेपाल की राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया है! प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के एक सनसनीखेज बयान ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। प्रचंड का दावा है कि 2001 के शाही नरसंहार का मास्टरमाइंड अब खुद को नेपाल का राजा बनाने की साजिश रच रहा है। इस बयान के बाद नेपाल की सियासत में जबरदस्त हड़कंप मच गया है, और जनता अब सच जानने के लिए बेचैन हो गई है।


Politics of Nepal : क्या है 2001 का शाही नरसंहार?

नेपाल का सबसे काला अध्याय 1 जून 2001 को लिखा गया था, जब नारायणहिटी महल में हुई एक भीषण गोलीबारी में राजा वीरेंद्र, रानी ऐश्वर्या, राजकुमार निरंजन सहित नेपाल के शाही परिवार के 10 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का आरोप तत्कालीन क्राउन प्रिंस दीपेंद्र पर लगा, जो कथित रूप से खुद भी कोमा में चला गया और तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई।

हालांकि, इस घटना को लेकर अभी तक सच्चाई पर से पूरी तरह पर्दा नहीं उठा है। कई लोगों का मानना है कि यह एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जिससे नेपाल में राजशाही को कमजोर किया गया।


प्रचंड के आरोप— कौन है असली मास्टरमाइंड?

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने बिना किसी का नाम लिए इशारों-इशारों में यह दावा किया कि 2001 का नरसंहार एक बड़ी साजिश थी और उसका मास्टरमाइंड अब खुद को नेपाल का राजा बनाने की तैयारी में जुटा है

उनके इस बयान के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या प्रचंड पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह या उनके किसी करीबी की ओर इशारा कर रहे हैं?

ज्ञानेन्द्र शाह, जो वीरेंद्र की हत्या के बाद नेपाल के राजा बने थे, आज भी नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग उठाते रहते हैं। हाल के दिनों में नेपाल में राजशाही समर्थक प्रदर्शनों में तेजी आई है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह कोई नया राजनीतिक खेल है?


नेपाल की जनता का रिएक्शन— क्या जानती है सच्चाई?

नेपाल की जनता ने इस बयान को गंभीरता से लिया है। सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर 2001 के शाही हत्याकांड की फिर से जांच की मांग जोर पकड़ रही है

  • राजशाही समर्थकों का कहना है कि प्रचंड का बयान महज एक साजिश है ताकि नेपाल में बढ़ते राजशाही समर्थकों के प्रभाव को रोका जा सके।
  • गणतंत्र समर्थकों का मानना है कि नेपाल को फिर से अतीत की राजनीति में धकेलने की कोशिश की जा रही है और इसका मकसद देश में अराजकता फैलाना हो सकता है

आगे क्या होगा?

  1. क्या नेपाल सरकार इस मामले की नई जांच शुरू करेगी?
  2. क्या प्रचंड के आरोपों से नेपाल की राजनीति और अस्थिर होगी?
  3. क्या सच में कोई व्यक्ति नेपाल में राजशाही की वापसी के लिए साजिश रच रहा है?

फिलहाल, नेपाल की राजनीति में यह मुद्दा और गर्म होने वाला है। अगर सच में 2001 के नरसंहार के पीछे कोई छुपा चेहरा था, तो क्या अब वो सत्ता में आने की कोशिश कर रहा है? यह सवाल अब नेपाल की जनता और पूरी दुनिया के लिए बेहद अहम हो गया है।

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