नेपाल में राजनीतिक घमासान: ऋषि कट्टेल को मिली 'नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी' की जिम्मेदारी
इससे पहले प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने 20 दिसंबर को सदन को भंग करने की सिफारिश कर दी थी.
नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को फैसला सुनाते हुए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की जिम्मेदारी ऋषि कट्टेल को सौंप दी है. जस्टिस कुमार रेगमी और बोम कुमार श्रेष्ठ ने रविवार को करीब तीन साल पुराने मामले पर फैसला सुनाया. कट्टेल ने मई 2018 में केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को रजिस्टर करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी.
पीठ ने कहा है कि नई पार्टी का चुनाव आयोग में पंजीकरण नहीं किया जा सकता, जब उसी नाम की एक पार्टी पहले से आयोग के पास पंजीकृत हो. कट्टेल के वकील दंडपाणि पॉडेल ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है. हम केस जीत गए.
कोर्ट ने रद्द किया चुनाव आयोग का फैसला
'नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी' (एनसीपी) को ओली और दलह को देने के चुनाव आयोग के फैसले को रद्द करते हुए अदालत ने कहा कि सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन (माओवादी सेंटर) पूर्व विलय के चरण में लौट आएंगे. अगर वो विलय करना चाहता हैं तो उन्हें राजनीतिक दलों के अधिनियम के अनुसार चुनाव आयोग में आवेदन करना चाहिए.
ओली के यूएमएल और दहल के माओवादी सेंटर ने मई 2018 में विलय की घोषणा की थी. कोर्ट का फैसला हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की निर्धारित बैठक से कुछ घंटे पहले आया है जहां नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो गुट बहुमत साबित करने के लिए जूझ रहे हैं.
दो गुटों में बटी पार्टी
कोर्ट के फैसले से सदन में पार्टी के समीकरण पर असर पड़ सकता है. 2017 के चुनावों में यूएमएल ने 121 और माओवादी सेंटर ने 53 सीटें जीती थीं. हालांकि ओली के 20 दिसंबर को संसद भंग के कदम ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में दरार ला दी थी. पार्टी में एक गुट ओली और दूसरा दहल का है.
राष्ट्रपति ने बुलाया संसद का सत्र
बता दें कि नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने सात मार्च को नेपाली संसद की प्रतिनिधि सभा का सत्र आहूत किया है. इस संबंध में बीते सोमवार को नोटिस जारी किया गया था. उल्लेखनीय है कि नेपाल के उच्चतम न्यायलय ने एक ऐतिहासिक फैसले में निचले सदन को बहाल करने का आदेश दिया था.
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी नोटिस के अनुसार राष्ट्रपति भंडारी ने नेपाली संविधान के अनुच्छेद 93 (1) के अनुसार, सरकार की सिफारिश पर सदन का सत्र बुलाया है. नोटिस के अनुसार, 275 सदस्यीय निचले सदन की बैठक शाम चार बजे शुरू होगी. इससे पहले प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने 20 दिसंबर को सदन को भंग करने की सिफारिश कर दी थी.