पुलिसकर्मी ने नाबालिग हिंदू लड़की को किया अगवा, फिर बदला धर्म और जबरन रचाई शादी
पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है.
पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है. इस बात से पूरी दुनिया अवगत है. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) भारत में अल्पसंख्यकों के ऊपर होने वाले कथित अत्याचारों को लेकर बोलते रहते हैं. वहीं, इमरान अपने देश में होने वाले अत्याचारों पर चुप्पी साधे रहते हैं. दरअसल, पाकिस्तान में एक बार फिर एक नाबालिग हिंदू लड़की (Minor Hindu Girl) को अगवा कर उसका जबरन धर्म परिवर्तन (Conversion) कराने का मामला सामने आया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सिंध प्रांत (Sindh Province) के एक पुलिसकर्मी ने एक नाबालिग हिंदू लड़की को अगवा किया. उसका जबरन धर्म परिवर्तन कर उसे मुस्लिम बनाया, फिर उससे शादी कर ली. खुफिया सूत्रों ने बताया है मामला सिंध के नौशहरो फिरोज जिले का है. जहां हलानी दरबार के रमेश लाल की बेटी नीना कुमारी को गुलाम मारूफ कादरी नामक पुलिसकर्मी ने अगवा कर लिया. कादरी इस क्षेत्र में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा के लिए बनाई गई चौकी पर तैनात था.
इस्लाम कबूल करवा कर बदल दिया नाम
सिंध के एक हिंदू नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, नीना पांच दिनों से लापता थी. स्कूल से घर नहीं लौटने पर परिवार ने खूब ढूंढ़ा, लेकिन वह कहीं नहीं मिली. इसके बाद परिजनों को उसके अगवा होने की जानकारी मिली. अखिल पाकिस्तान हिंदू पंचायत (APHP) का कहना है कि कादरी ने 11 फरवरी को एक स्थानीय दरगाह पर नीना को इस्लाम कबूल करवाया. इसके बाद कराची ले जाकर उससे शादी कर ली. इस्लाम कबूल करवाने के बाद उसका नाम बदलकर मरिया कर दिया गया. इस शादी की जानकारी मंगलवार को सबके सामने आई है.
मैरिज सर्टिफिकेट में नाबालिग को दिखा दिया बालिग
सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए मैरिज सर्टिफिकेट में केवल पुलिसकर्मी के जन्म की तारीख दर्ज है. वहीं, नीना की उम्र 19 साल बताई गई है, जबकि परिजनों का कहना है कि वह नाबालिग है. सिंध के एक हिंदू नेता ने कहा कि इस घटना के बाद हम अपनी सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों पर भरोसा नहीं कर सकते हैं. ना ही हम सरकार से हमारे मंदिर के पास सुरक्षा चौकी बनाने के लिए कह सकते हैं. पाकिस्तान में लगातार हो रहे अपहरणों के एक मामले में ये मामला भी जुड़ गया है. ये मामला तब सामने आया है, जब हिंदू और मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने इसे रोकने के लिए एक निजी समझौता किया है. इस समझौते के तहत धर्मांतरण से पहले महिला और उसके परिवार से इसकी इजाजत ली जाएगी.