योग गुरु को पुलिस ने भेजा जेल, सेंट पीटर्सबर्ग फेस्टिवल में दिया था भाषण
दिमित्री ने कहा कि पुलिस ने उन्हें अपनी कार में बैठाने के बाद सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करना से मना कर दिया.
रूस में योग गुरू को जेल भेज दिया गया, क्योंकि उसने 'योग' को लेकर ज्ञान दिया था. उस पर आतंकवाद रोधी कानून की धाराएं लगाई गई हैं और मिशनरी कामों से जुड़े होने का आरोप लगाया गया है. ऐसा रूस के सख्त कानून के चलते हुआ. जिसमें धार्मिक कट्टरपंथी गतिविधियों पर कड़ाई से रोक लगाने की बात है. इस कानून को यारोवाया लॉ (The Yarovaya law) कहा जा रहा है.
सेंट पीटर्सबर्ग फेस्टिवल में दिया था भाषण
इस रूसी योग गुरू का नाम दिमित्री उगाय है. उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग फेस्टिवल में योग पर फिलॉसफी दी थी. लेकिन रूस के आतंकवाद रोधी कानून के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसकी शिकायत उनके साथी नील नसीबुलिन ने की थी और आरोप लगाया था कि वो कथित हिंदुत्ववादी संगठन में युवाओं की भर्ती कर रहे हैं. रूस के इस कड़े कानून की निंदा पूरी दुनिया में हो रही है और मशहूर पत्रकार एडवर्ड स्नोडेन इसे 'बिग ब्रदर' लॉ तक कह चुके हैं. ये कानून लेखिका और सांसद इरीनिया यारोवाया ने सुझाया था, जिस पर राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने दस्तखत कर के कानून की शक्ल दे दी थी. इस कानून के तहत मिशनरी कामों, धार्मिक गुटों में जुड़ाव को प्रतिबंधित किया था. इनमें उन सभी धार्मिक कामों को शामिल किया गया है, जो सरकार के मुताबिक गैर-पारंपरिक हैं.
जुर्माना भी लगा
दिमित्री को उस समय तो जमानत मिल गई थी. लेकिन अब दो महीने बाद उन पर कोर्ट फाइन लगाने जा रही है. रूसी न्यूज एजेंसी रैप्सी ने बताया कि उगाय ने हिंदू धर्म से जुड़ाव को स्वीकार किया है. हालांकि दिमित्री उगाय ने कहा कि उन्होंने अपनी स्पीच में किसी भी धार्मिक संगठन का नाम नहीं लिया, न ही किसी धार्मिक किताब का. यही नहीं, उन्होंने क्राइस्ट और बुद्ध के अलावा किसी धार्मिक महापुरुष तक का नाम नहीं लिया. दिमित्री ने कहा कि पुलिस ने उन्हें अपनी कार में बैठाने के बाद सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करना से मना कर दिया.