प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बालकृष्ण दोशी को ब्रिटेन का प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने के लिए दी बधाई

फर्नीचर निर्माण से जुड़े परिवार में जन्मे, बालकृष्ण दोशी ने जेजे स्कूल आफ आर्किटेक्चर, बंबई में अध्ययन किया।

Update: 2021-12-10 10:53 GMT

जानेमाने भारतीय वास्तुकार बालकृष्ण दोशी को 'रायल गोल्ड मेडल 2022' प्रदान किया जाएगा, जो वास्तुकला के लिए दुनिया के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। रायल इंस्टीट्यूट आफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स (RIBA) ने यह घोषणा की। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बालकृष्ण दोशी को ब्रिटेन का प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि दोशी का विश्व के वास्तु में योगदान अविस्मरणीय है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके बताया कि उन्होंने बालकृष्ण दोशी से फोन पर बात की है और उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि दोषी के वास्तु को दुनिया भर में सराहा गया है और उनकी विविध और अनूठी कृति को वैश्विक मान्यता प्राप्त है।
वहीं, आरआइबीए ने कहा कि 70 साल के कैरियर और 100 से अधिक निर्मित परियोजनाओं के साथ 94 वर्षीय दोशी ने अपने अभ्यास और अपने शिक्षण दोनों के माध्यम से भारत और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वास्तुकला की दिशा को प्रभावित किया है। आजीवन किए गए काम को मान्यता देने वाले रायल गोल्ड मेडल को व्यक्तिगत रूप से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा अनुमोदित किया जाता है और इसे ऐसे व्यक्ति या लोगों के समूह को दिया जाता है, जिनका वास्तुकला की उन्नति पर महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है। दोशी ने अपनी इस बड़ी जीत के बारे में सुनकर कहा, 'मैं आश्चर्यचकित हूं और इंग्लैंड की महारानी से 'रायल गोल्ड मेडल' प्राप्त करने की बात से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह बहुत बड़ा सम्मान है।'
उनकी इमारतों में भारत की वास्तुकला, जलवायु, स्थानीय संस्कृति और शिल्प की परंपराओं की गहरी छाप के साथ आधुनिकतावाद का भी संगम दिखता हैं। उनकी परियोजनाओं में प्रशासनिक और सांस्कृतिक सुविधाएं, आवास विकास और आवासीय भवन शामिल हैं। वर्ष 1927 में पुणे में, फर्नीचर निर्माण से जुड़े परिवार में जन्मे, बालकृष्ण दोशी ने जेजे स्कूल आफ आर्किटेक्चर, बंबई में अध्ययन किया।

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