पीएम मोदी बोले, बांग्लादेश की आजादी के लिए मैंने भी दी थी गिरफ्तारी
हमारी विरासत भी साझी है, हमारा विकास भी साझा है।
आज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे पर हैं। कोरोना काल शुरू होने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन से मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड में पहुंचे।
राष्ट्रीय दिवस के कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैं सभी भारतीयों की तरफ से आप सभी को बांग्लादेश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूँ। मैं बॉन्गोबौन्धु शेख मुजिबूर रहमान जी को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने बांग्लादेश और यहां के लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।' कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने बांग्लादेश की आजादी के लिए गिरफ्तारी भी दी थी। उन्होंने कहा कि मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था।
इस दौरान पीएम मोदी ने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की छोटी बेटी शेख रेहाना को गांधी शांति पुरस्कार 2020 प्रदान किया। बता दें कि यह पुरस्कार मरणोपरांत शेख मुजीबुर रहमान को दिया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि हमें शेख मुजीबुर रहमान को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का अवसर मिला है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों की सरकारें इस संवेदनशीलता को समझकर, इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही हैं। हमने दिखा दिया है कि आपसी विश्वास और सहयोग से हर एक समाधान हो सकता है। हमारा भूमि सीमा समझौता (Land Boundary Agreement) भी इसी का गवाह है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये एक सुखद संयोग है कि बांग्लादेश के आजादी के 50 वर्ष और भारत की आजादी के 75 वर्ष का पड़ाव, एक साथ ही आया है। हम दोनों ही देशों के लिए, 21वीं सदी में अगले 25 वर्षों की यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमारी विरासत भी साझी है, हमारा विकास भी साझा है।