इथियोपिया में 'युद्ध के मैदान' में उतरे PM, देश चला रहे उप प्रधानमंत्री

देश चला रहे उप प्रधानमंत्री

Update: 2021-11-25 05:07 GMT
Ethiopia PM Abiy Ahmed in Battlefield: इथियोपिया की सरकार ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री अबी अहमद देश के सालभर चलने वाले युद्ध की कमान संभालने के लिए युद्ध के मैदान में गए हैं और देश को चलाने से जुड़े दैनिक कामकाज का दायित्व उपप्रधानमंत्री को सौंप गए हैं (War in Ethiopia). सरकार के प्रवक्ता लेगेसे तुलु ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री मंगलवार को युद्ध क्षेत्र में पहुंचे हैं, हालांकि उन्होंने उनके ठिकाने का विवरण नहीं दिया है. उन्होंने बताया कि उप प्रधानमंत्री देमेके मेकोन्नेन (Demeke Mekonnen) दिन-प्रतिदिन के सरकारी कामकाज को देख रहे हैं.
अफ्रीका के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश में युद्ध ने अनुमान के मुताबिक हजारों लोगों की जान ले ली है. फ्रांस, जर्मनी और तुर्की सहित कई देशों ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे तत्काल इथियोपिया छोड़ दें क्योंकि उत्तरी तिग्रे क्षेत्र से प्रतिद्वंद्वी लड़ाके राजधानी अदीस अबाबा की ओर बढ़ रहे हैं (What is Happening in Ethiopia). एक अमेरिकी दूत ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि उसे डर है कि दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता के प्रयासों में हुई मामूली प्रगति 'चिंताजनक' गति से बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच पीछे छूट सकती है.
कई महीनों से जारी है संघर्ष
इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद की सरकार और तिग्रे के विद्रोहियों के बीच महीनों का राजनीतिक तनाव पिछले नवंबर को युद्ध में बदल गया था (Civil War in Ethiopia). तिग्रे नेताओं का इथियोपिया की सरकार में कभी दबदबा रहा है. इससे करीब तीन हफ्ते पहले खबर आई थी कि तिग्रे क्षेत्र पर कब्जे के बाद वहां आतंक मचाने वाले विद्रोहियों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दो शहरों देस्सी और कॉमबॉलचा पर भी कब्जा कर लिया है. जिसके बाद इन्होंने राजधानी अदीस अबाबा की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया.
2020 में सैनिकों को भेजा गया
तिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (Tigray People's Liberation Front) ने सेना के शिविरों पर हमला किया था. जिसके जवाब में नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री अबी अहमद ने सैनिकों को तिग्रे क्षेत्र में भेजा. अबी अहमद के इस कदम पर नाराजगी जताते हुए टीपीएलएफ ने कहा कि संघीय सरकार और इरिट्रिया सहित उसके सहयोगियों ने उसके खिलाफ 'समन्वित हमला' शुरू किया है. इसके कुछ वक्त बाद पीएम ने इस संगठन पर जीत का दावा कर दिया. लेकिन जून के अंत तक इसके लड़ाके दोबारा संगठित हो गए (How War Started in Tigray). इन्होंने तेजी से अधिकांश क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया. जिसके चलते लड़ाई तिग्रे के बाहर दूसरे क्षेत्रों में भी फैलती चली गई. लड़ाई की वजह से ना केवल हजारों लोगों की मौत हुई है, बल्कि लाखों की संख्या में लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर भी होना पड़ा है.
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