पायलट ने आत्महत्या करने विमान को समुद्र में गिराया, 239 यात्रियों को भी गंवानी पड़ी जान
एक रिपोर्ट पढ़िए
मलेशिया। आज से करीब एक दशक पहले साल 2014 में पूरी दुनिया उस वक्त हैरान रह गई थी, जब MH370 विमान रहस्यमयी तरीकों से लापता हो गया. इसे एविएशन के इतिहास का सबसे बड़ा रहस्य बताया गया. विमान में 239 यात्री सवार थे. उनके साथ क्या हुआ, कोई नहीं जान पाया. मगर अब इस मामले में एक हैरान कर देने वाली बात सामने आई है. ब्रिटिश एक्सपर्ट और बोइंग 777 पायलट ने दावा किया है कि फ्लाइट के टेक-ऑफ डॉक्यूमेंट्स इस बात का सबूत हैं कि पायलट ने सामूहिक हत्या और आत्महत्या की योजना बनाई थी.
इंडिपेंडेंट यूके की रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपर्ट साइमन हार्डी का मानना है कि मलेशियाई एयरलाइंस के फ्लाइट प्लान और टेक्निकल लॉग से कार्गो में आखिरी वक्त में 3,000 किलोग्राम ईंधन और अतिरिक्त ऑक्सीजन सहित अन्य बदलावों का पता चलता है, जो बताता है कि कैप्टन जहरी अहमद शाह ने विमान को 'लापता' करने का सोच लिया था.
विमान के लापता होने के एक साल बाद 2015 में जब इसकी जांच चल रही थी, उस वक्त हार्डी ऑस्ट्रेलियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी ब्यूरो के साथ काम कर रहे थे. उन्होंने द सन से बातचीत में कहा, 'यह अजीब संयोग है कि विमान में किया गया इंजीनियरिंग से जुड़ा आखिरी काम, उसके लापता होने से पहले किया गया था. इसमें क्रू ऑक्सीजन को बढ़ाया गया, जो केवल कॉकपिट के लिए थी, न कि केबिन क्रू के लिए.'
उन्होंने आगे कहा कि आखिरी वक्त में विमान में जिस तरह के इंजीनियरिंग बदलाव हुए, उनकी तब जरूरत नहीं थी. ये आधिकारिक अवश्यकताओं को पूरा करने के लिहाज से ठीक नहीं थे. उन्होंने कहा कि रीयूनियन द्वीप पर जो फ्लैपरन (विमान का एक हिस्सा) मिला है, उससे फ्लाइट के आखिरी वक्त तक पायलट के एक्टिव होने का पता चलता है. वो कहते हैं, 'अगर फ्लैप नीचे थे, तो वहां तरल ईंधन भी होगा, कोई लीवर चला रहा था और ये कोई वही इंसान था, जो जानता था कि वो क्या कर रहा है. ये सब एक ही स्थिति की ओर इशारा करते हैं.' एक्सपर्ट हार्डी ने आगे कहा कि पायलट को दुर्घटना के लिए अपनी 'योजना सावधानीपूर्वक बनानी' थी. उसे समुद्र की सतह पर ईंधन के अवशेषों के निशान छोड़ने से बचना था, जो विमान के आखिरी गंतव्य का संकेत है. उन्होंने भी कई अन्य थियोरिस्ट की तरह ही इस तरफ इशारा किया, कि हो सकता है कि पायलट ने 239 यात्रियों को बेहोश करने के लिए केबिन में एयर प्रेशर को खत्म कर दिया हो. उसने फिर विमान को समुद्र में गिराने के लिए यू-टर्न लिया.
सैटेलाइट से जुड़े सबूतों और अन्य जानकारियों को देखने के बाद हार्डी का मानना है कि उन्होंने दक्षिणी हिंद महासागर के गिल्विनक फ्रैक्चर जोन (Geelvinck Fracture Zone) में लापता विमान की स्थिति की गणना की है. उन्होंने विमान के इसी जोन में दफन होने की बात कही. मलेशिया की सरकार ने 3 मार्च को घोषणा की थी कि टेक्सन कंपनी ओशन इन्फिनिटी के साथ 8 मार्च 2014 को गायब हुए विमान की खोज 'नो फाइंड, नो फीस' के आधार पर फिर से शुरू की जा सकती है.