पेट्रोल की कीमतें 149 रुपए से सीधा 249 रुपए प्रति लीटर पहुंची, अब क्‍या करेगा कंगाल देश

साल 2022-23 के वित्‍त वर्ष में इसे धीरे से लागू करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा गैस और बिजली के दाम भी आसमान छूने लगे हैं।

Update: 2022-07-05 06:02 GMT

इस्‍लामाबाद: अक्‍सर आप अपने उस दोस्‍त से किनारा करने लगते हैं, जो हर दिन आपसे मदद के नाम पर पैसे मांगता रहता है। आप ऐसा इसलिए करते हैं क्‍योंकि आपको पता होता है कि वो शायद पैसे जल्‍दी नहीं लौटा पाएगा। लगता है यही कहानी अब पाकिस्‍तान की किस्‍मत बन चुकी है। पाकिस्‍तानी अखबार द एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून की एक रिपोर्ट की मानें तो मित्र देशों ने पाक को और फंड न देने का मन बना लिया है। अगर ऐसा होता है तो फिर इस देश का भविष्‍य क्‍या होगा, कोई नहीं जानता है। ये सब तक हो रहा है जब देश की आर्थिक स्थिति किसी ने छिपी नहीं है। महंगाई रोज नए रिकॉर्ड तोड़ रही है। आम नागरिक की जेब बोझ से ऐसी दब गई है कि उसकी सांस फूलने लगी है। ऐसे मुश्किल हालात में पाक की नजरें सऊदी अरब जैसे अपने करीबी दोस्‍तों पर टिकी थीं। अब इन्‍हीं दोस्‍तों को लगता है कि पाक से किनारा करना ही ठीक रहेगा।




कन्‍नी काटने लगे दोस्‍त
ऐसा लगता है कि पाकिस्‍तान के बुरे दिन जल्‍द खत्‍म नहीं होने वाले हैं। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से कर्ज के बाद भी देश के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान अब उस स्थिति में पहुंच गया है जहां न सिर्फ उसके दोस्‍तों बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय लीडर्स ने उससे कन्‍नी काटनी शुरू कर दी है। वो अब पाकिस्‍तान की वही पुरानी बदहाली की कहानी सुन-सुनकर तंग आ गए हैं। बेलआउट पैकेजेस भी अब खत्‍म होने की कगार पर आ गए हैं। आज से 5 या 10 साल पहले अगर पाक अपने किसी दोस्‍त से मदद मांगता था तो वो तुरंत दौड़े चले आते थे, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।

पिछले वर्ष अक्‍टूबर में जिस सऊदी अरब ने पूर्व इमरान सरकार को 4.2 बिलियन डॉलर का पैकेज दिया था, अब वहीं मुंह मोड़ता हुआ नजर आ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सारे फंड्स खत्‍म हो चुके हैं और अब मदद की पुरानी कहानी भी फीकी पड़ चुकी है। ये कहानी अब किसी काम की नहीं है और पाक को अपना तरीका बदलना ही पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो फिर स्थिति बद से बदतर हो जाएगी।


250 रुपए का पेट्रोल
देश में महंगाई पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ चुकी है। वर्तमान समय में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आईएमएफ लोन प्रोग्राम को वापस लाने की सारी कोशिशें फेल हो चुकी हैं। अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय की तरफ से पाकिस्‍तान के सामने एक शर्त रखी गई थी कि वो सभी तेल उत्‍पादों पर इमरान सरकार की तरफ से जो सब्सिडी तय की गई थी, उसे वापस लिया जाए। इस शर्त के बाद ही इमरान सरकार गिर गई।

सिर्फ 33 दिनों के अंदर पेट्रोल की कीमतें 149 रुपए से सीधा 249 रुपए प्रति लीटर पहुंच गईं। हाल ही में सरकार की तरफ से प्रति एक लीटर पर 10 रुपए शुल्‍क तय किया गया है। नेशनल एसेंबली की तरफ से पिछले हफ्ते फाइनेंस बिल लाया गया था। इसमें पेट्रोलियम लेवी 50 रुपए तय की गई थी। साल 2022-23 के वित्‍त वर्ष में इसे धीरे से लागू करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा गैस और बिजली के दाम भी आसमान छूने लगे हैं।


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