काबुल एयरपोर्ट पर लोग निकलने की आस में भीड़ लगाए, तालिबानी लगातार गोलीबारी कर काबू में करने की कोशिश यहाँ भारत की बढ़ी फिक्र
सिर्फ भारत ही नहीं, अमेरिका
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां लोगों में डर बढ़ता जा रहा है. आम नागरिकों में देश से निकलने की होड़ है. काबुल एयरपोर्ट पर भी लोग यहां से निकलने की आस में भीड़ लगाए बैठे हैं और तालिबानी लगातार गोलीबारी कर इन्हें काबू में करने की कोशिश में हैं. यहां भारत की फिक्र भी बड़ी है क्योंकि अभी भी 1600 से ज्यादा भारतीय अफगानिस्तान में फंसे हैं और उनके रेस्क्यू के लिए दिल्ली में मिशन काबुल की स्क्रिप्ट लिखी जा रही है.
अफगानिस्तान में पश्चिम बंगाल के भी 200 से ज्यादा लोग फंसे हैं. जिनके परिवार भारत सरकार की तरफ उम्मीद की निगाहें गड़ाए बैठे हैं. अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने में विदेश मंत्री के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की अहम भूमिका रही है. भारत सरकार वहां फंसे 1600 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को निकालने लिए क्या कुछ कर रही है.
दिल्ली में बनाए गए 3 कंट्रोल रूम
अफगानिस्तान से वापसी और दूसरे अनुरोध के लिए एक स्पेशल अफगानिस्तान सेल की स्थापना की गई है. इसके लिए अलग से फोन नंबर और मेल आईडी जारी किए गए हैं. मिशन काबुल को अंजाम देने के लिए दिल्ली में तीन कंट्रोल सेंटर बनाए गए हैं. जिसकी निगरानी विदेश मंत्री एस जयशंकर, NSA अजित डोभाल और कैबिनेट सचिव कर रहे हैं. ऑपरेशन के दौरान एक भी भारतीयों को खरोंच नहीं आने का आदेश दिया गया. सड़क पर मौजूद हथियारबंद तालिबानियों के बीच मिशन को अंजाम दिया गया. अभी तक हुए ऑपरेशन के दौरान प्लेन को दुशांबे में स्टैंड बाई पर रखा गया था.
सिर्फ भारत ही नहीं, अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनियाभर के देश अफगानिस्तान से अपने नागरिकों और कर्मचारियों को निकालने में लगे हुए हैं. टीवी 9 भारतवर्ष ने मंगलवार को एक ऐसी ही तस्वीर दिखाई थी, जिसमें अमेरिकी वायुसेना की 135 लोगों की क्षमता वाले प्लेन में 800 से ज्यादा लोग बैठे थे. जिनमें करीब 650 अफगानी नागरिक थे. मजबूरन इन सभी लोगों को लेकर अमेरिकी वायुसेना का प्लेन कतर पहुंचा.
अमेरिका ने अब तक 3200 लोगों को निकाला
बहरहाल, अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से अब तक 3,200 लोगों को बाहर निकाला है. अमेरिका की ओर से कुल 22 हजार अफगानी शरणार्थियों को अपने देश में शरण देने की तैयारी का जा रही है. इसके अलावा अमेरिका और कतर सरकार जल्द ही एक डील साइन कर सकते हैं. जिसके तहत करीब 8 हज़ार अफगानी शरणार्थियों को कतर में रुकने दिया जाएगा. ब्रिटिश सरकार ने भी अफगान शरणार्थियों के पुनर्वास को लेकर घोषणा की है. ब्रिटेन ने 20 हजार अफगान नागरिकों को शरण देने का प्लान बनाया है. अफगान नागरिक पुनर्वास योजना के तहत पहले साल में 5,000 अफगानों को ब्रिटेन में बसाया जाएगा.
रेस्क्यू की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया ने 26 लोगों को काबुल से निकाला है. कल काबुल से फ्रांस के पहले विमान ने उड़ान भरी थी, जिसमें 21 भारतीय थे, जो फ्रांसीसी दूतावास की सुरक्षा में लगे हुए थे. जर्मनी भी अपने नागरिकों को काबुल से निकालने के लिए वहां अपने 600 सैन्य कर्मियों को भेजेगा.