व्लादिमीर पुतिन की लामबंदी के ऐलान के बाद देश छोड़ भाग रहे लोग, युद्ध के खिलाफ सड़कों पर उतरे

यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए जबसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नागरिकों को लामबंद करने की घोषणा की है, यहां लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं बहुत सारे लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं।

Update: 2022-09-23 00:56 GMT

यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए जबसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नागरिकों को लामबंद करने की घोषणा की है, यहां लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं बहुत सारे लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। लामबंदी का मतलब बै कि जो लोग सैन्य क्षमता रखते हैं उन आम नागरिकों को भी युद्ध के लिए बुलाया जाएगा। अब लोग रूस के आसपास वाले देशों में भाग रहे हैं। ऐसा ही एक शख्स दिमित्री अपनी पत्नी और बच्चों को रूस में ही छोड़कर आर्मीनिया पहुंच गया। उन्होंने कहा, मैं नहीं चाहता कि किसी फालतू के युद्ध में मेरी जान चली जाए।

इस तरह के हजारों लोग हैं जो कि व्लादिमीर पुतिन के फैसले के बाद देश छोड़कर भाग रहे हैं। भागकर आर्मीनिया पहुंचने वाले 44 साल के सरजेई ने कहा कि, रूस की जो हालत है ऐसे में कोई भी वहां से भागना चाहेगा। आर्मीनिया के एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले रूस के नागरिकों ने माना कि वे लामबंदी की वजह से ही देश छोड़ रहे हैं। सरजेई के 17 साल के बेटे निकोलाई ने कहा, हम इस बात का इंतजार नहीं करना चाहते थे कि युद्ध के लिए हमें बुला लिया जाए। हम डर नहीं रहे हैं लेकिन भविष्य को लेकर बहुत अनिश्चितता है।

एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक एक अन्य शख्स ने कहा कि 21वीं शताब्दी में इस तरह से युद्ध लड़ना किसी भी तरह सही नहीं है। उन्होंने कहा, अब पता नहीं कभी रूस वापसी होगी या नहीं। यह सब स्थिति पर ही निर्भर करेगा। मॉस्को से येरेवान पहुंचने वाली फ्लाइट में अधिकतर लोग वही थे जो कि सेना में जाने वाली उम्र के हैं। 24 फरवरी को यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन से भी सबसे ज्यादा लोग यहीं भागकर आ रहे हैं.

आर्मीनिया भी सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था। यह एक छोटा देश है। यहां की सरकार का कहना है कि कम से कम 40 हजार रूसी नागरिक भागकर यहां आ चुके हैं। वहीं कम से कम 50 हजार लोग जॉर्जिया चले गए हैं। वहीं क्रेमलिन ने लोगों के भागने की खबर को फर्जी बताया है। सरकार के प्रवक्ता दमित्रा पेसकोव ने कहा कि ऐसा लगता है कि झूठ फैलाने के लिए कोई बड़ी डील की गई है।

हालांकि यह सच है कि रूस से पड़ोसी देशों जैसे कि आर्मीनिया, जॉर्जिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान जाने वाली फ्लाइट पूरी तरह बुक हैं। वहीं पुतिन के आदेश के बाद देश में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। गुरुवार को मॉस्को में कम से कम 1300 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। सोशल मीडिया पर लोग इस बात का भी डर जता रहे हैं कि कहीं बॉर्डर सील ना कर दिए जाएं। जर्मनी के गृह मंत्री का कहना है कि रूस छोड़कर भागने वाले लोगों को उनके देश में सुरक्षा दी जाएगी।


Tags:    

Similar News

-->