जासूसी कांड के बाद चर्चा में आई कंपनी पेगासस, स्पाईवेयर फर्म पर मंडरा रहा डिफॉल्ट होने का खतरा

यह सिर्फ भारत ही नहीं अमेरिका व अन्य बड़े देशों में भी होने का आरोप है।

Update: 2021-12-14 04:21 GMT

फोन हैकिंग के आरोपों के बाद चर्चा में आई स्पाईवेयर फर्म NSO ग्रुप लिमिटेड अपने विवादित पेगासस वायरस को बंद करने पर विचार कर रही है। इस्राइल की इस कंपनी पर अपने कर्जों के चलते डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में फर्म अपने पेगासस वायरस को बंद करने या फिर बेचने के लिए कई निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी के ही लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, Moelis & Co. के सलाहकारों से इस मामले में सलाह भी ली जा रही है। हालांकि, यह बातचीत काफी निजी हुई है और इस मामले में अभी तक बहुत कुछ निकलकर सामने नहीं आया है।

दो अमेरिकी फंड भी शामिल
स्पाईवेयर फंड जिन लोगों से बात कर रही है, उसमें दो अमेरिकी फंड भी शामिल हैं। दोनों फंड पेगासस को बंद करने और कंट्रोल में लेने पर बात कर रहे हैं। वहीं पेगासस की जानकारी को साइबर रूप से सुरक्षित रखने के लिए इस्राइली ड्रोन तकनीक विकसित करने पर 200 मिलियन के निवेश पर भी चर्चा हो रही है।
एनएसओ ग्रुप पर अमेरिकी दबाव
विवादों में घिरने के बाद एनएसओ ग्रुप पर अमेरिकी प्रतिबंधों का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। कंपनी को करीब 450 मिलियन डॉलर का कर्ज चुकाने की जरूरत है। कंपनी को करीब एक बिलियन डॉलर का कर्ज दिया गया था। 300 मिलियन डॉलर से ज्यादा का ऋण कंपनी को 2019 में दिया गया था।
पेगासस के बाद छोटी कंपनी बन जाएगी एनएसओ
पेगासस के बंद होने के बाद इस्राइल की स्पाईवेयर फर्म एनएसओ ग्रुप बहुत ही छोटी कंपनी बन जाएगी। कंपनी को इस साल 230 मिलियन डॉलर की बिक्री करने की उम्मीद है, जो 2018 की तुलना में आठ प्रतिशत तक कम है।
भारत-अमेरिका में हुई थी जासूसी
पेगासस तब विवादों में आया था, जब एक रिपोर्ट में सामने आया कि कंपनी ने कई राजनीतिक लोगों, पत्रकारों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का फोन हैक करके उनका डेटा सरकारों को बेचा है। यह सिर्फ भारत ही नहीं अमेरिका व अन्य बड़े देशों में भी होने का आरोप है। 

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