मां-बाप की डांट का छोटी सी उम्र में कुछ इस कदर असर पड़ा कि उसके सिर पर कुछ अलग करने का जुनून सवार हो गया. 14 साल की उम्र में उसने घर के गार्डन में खुदाई शुरू कर दी. अब छह साल बाद इस बच्चे की मेहनत बेहद ही सुखद रंग लाई है. उसकी इस प्रतिभा के आप भी कायल हो जाएंगे. ये कहानी है स्पेन के आंद्रेस कैंटो की. जब वह 14 साल का था तब उसके माता-पिता ने उसे ट्रैकसूट पहनकर पास के गांव में जाने से मना किया, इसके बाद कैंटो की अपने माता-पिता से छोटी सी बहस हुई. इस घटना के बाद कैंटो ने गुस्से में आकर अपने दादा के कुदाल से घर के बगीचे को खोदना शुरू कर दिया. प्रतिशोध में शुरू हुआ ये काम देखते ही देखते उसका जुनून बन गया. छह साल के बाद अब 20 साल के हो चुके कैंटो के पास एक अंडरग्राउंड गुफा घर है, जिसमें कुछ कदम नीचे जाने के बाद आपको दिखेगा उसका लिविंग और बेडरूम.
आज की तारीख में आंद्रेस एक एक्टर है. कैंटों की मानें तो निराशा को दूर करने के लिए स्पेन के ला रोमाना शहर में अपने घर में शुरू किए गए इस काम को उसने कभी नहीं रोका. स्कूल से लौटने के बाद वह हर शाम खुदाई करता रहा. कुछ वक्त के बाद खुदाई के काम में उसका दोस्त एंड्रियु भी हवा से चलने वाली ड्रील मशीन के साथ शामिल हो गया. अब वे दोनों तेज रफ्तार से हर हफ्ते 14 घंटे तक खुदाई करने लगे. अंडरग्राउंड घर की संरचना का निर्माण जमीन के नीचे मिलने वाली बाधाओं के चलते बनता-बिगड़ता रहा. कैंटो ने बताया कि "कई बार काफी खुदाई के बाद किसी बड़े पत्थर के मिलने से सारी मेहनत बर्बाद हो जाती थी."
शुरुआत में खुदाई के दौरान आंद्रेस सारी मिट्टियों को हाथों से बाल्टी की मदद से निकाला करता था. बाद में उसने खुदाई की तकनीक सीखने के लिए पढ़ाई की और और इसके बाद पुली सिस्टम से गुफा के अंदर से मिट्टी को निकालना शुरू कर दिया. जब कैंटो ने अंदर के कमरों को आकार देना शुरू किया तब उसने हर कमरे के एंट्रेंस को आर्च शेप देने का फैसला किया और छत को धंसने से रोकने के लिए पिलर्स का इस्तेमाल किया. कैंटो की मानें तो इस पूरे निर्माण कार्य में उसने लगभग 43 पॉण्ड यानि सिर्फ 50 यूरो खर्च किए. आंद्रेस के इस दो कमरे वाले गुफाघर में फिलहाल हीटिंग और म्यूजिक सिस्टम के साथ वाईफाई की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन वो इसे और बेहतर बनाना चाहता है.
कैंटो का ये अंडरग्राउंड आशियाना गर्मियों में आराम करने के लिए शानदार जगह बन चुका है. उसकी मानें तो साल के सबसे गर्म महीनों में भी यहां का तापमान 20-21 डिग्री से ज़्यादा नहीं होता, लेकिन बरसात में उसे जलभराव और कीड़ों का सामना करना पड़ता है. आंद्रेस की मानें तो इस निर्माण से उसके माता-पिता को कोई दिक्कत नहीं है. लोकल ऑथॉरिटी इसकी जांच के लिए जरूर आए थे, जो इसे बेसमेंट बताकर कानूनी स्ट्रक्चर पर मुहर लगाकर चले गए.