नई दिल्ली: बीच रास्ते में एक ट्रेन की बिजली चली गई. वह रुक गई. पूरी ट्रेन में अंधेरा छा गया. घंटों तक वह एक जगह पर खड़ी रही. पैसेंजर ने बताया कि इस दौरान लोग ट्रेन की फर्श पर ही टॉयलेट करने को मजबूर थे. क्योंकि टॉयलेट भी काम नहीं कर रहा था. ट्रेन की स्थिति को लेकर कोई अनाउंसमेंट भी नहीं किया जा रहा था.
यह मामला ब्रिटेन का है. 7 मई को एक ट्रेन लिवरपूल शहर से मैनचेस्टर पिकाडिली होते हुए विल्म्सलो जा रही थी. रास्ते में ब्रेकडाउन हो गया. मैनचेस्टर इवनिंग न्यूज से बातचीत में यात्री ने कहा- रात के 10.15 बजे ट्रेन अचानक रुक गई. लगा जैसे पावर कट हुआ हो, सबकुछ बंद हो गया. जिसके बाद ट्रेन में हंगामा मच गया.
यात्री ने दावा कि पैसेंजर्स को ट्रेन के रुकने की कोई जानकारी नहीं दी गई थी. जब तक ट्रेन रुकी रही तब तक कोई अनाउंसमेंट नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि सभी यात्री अंधेरे में करीब 2 घंटे और 30 मिनट तक ट्रेन में बैठे रहे. यात्री ने कहा- पैसेंजर्स फंसे हुए थे. ट्रेन का टॉयलेट ओवरफ्लो हो रहा था.
अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर शख्स ने कहा- महिलाएं टॉयलेट यूज नहीं कर पा रही थीं. पुरुष फ्लोर और सिंक पर ही पेशाब कर रहे थे. पैसेंजर्स को इस बात की जानकारी नहीं मिल रही थी कि आखिर वह कब तक ऐसे ही फंसे रहेंगे. वहां ट्रेन की सिर्फ एक ही स्टाफ थी. वह ट्रेन के रुकने के 1 घंटे बाद यात्रियों के पास आई. उन्होंने सिर्फ यही कहा कि दूसरी तरफ से कोई अपडेट नहीं आ रहा है. इसलिए हम सभी पैनिक हो गए थे.
यात्री ने आगे कहा- लगभग आधी रात को हमें यह बताया गया कि एक ट्रेन हम लोगों को यहां से बाहर निकालने के लिए आ रही है. इसलिए हम सभी को यह ट्रेन खाली करना होगा. हम लोगों को यह जानकारी भी किसी पैसेंजर ने ही दी थी, ट्रेन स्टाफ ने हमें कोई जानकारी नहीं दी.
हमलोग सीढ़ी के जरिए ट्रेन से बाहर आए और दूसरी ट्रेन पर बैठ गए. वह ट्रेन भी वहां से 30 मिनट बाद निकली. लेकिन ट्रेन ने हमें फाइनल डेस्टिनेशन तक नहीं पहुंचाया, उसने हमें मैंचेस्टर विक्टोरिया स्टेशन पर ही छोड़ दिया. वहां हमलोग देर रात 1.27 बजे पहुंचे. जिसके बाद हमलोगों ने टैक्सी से अपना सफर पूरा किया.
रेलवे सर्विस के अधिकारियों ने बाद में घटना को लेकर माफी मांगी. ओवरहेड पावर सप्लाई में गड़बड़ी की वजह से ट्रेन की बिजली चली गई थी और रिमोर्ट लोकेशन की वजह से बिजली फिर से बहाल नहीं हो पाई.