9 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा पाल्म ऑयल, सस्ते होंगे खाद्य तेल
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कुआलालंपुर। महंगाई के मोर्चे पर जूझ रही जनता के लिए राहत की खबर है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाल्म ऑयल की कीमतें 9 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। पाल्म ऑयल के बड़े उत्पादक इंडोनेशिया में पाल्म ऑयल की इन्वैंटरी बढ़ जाने के कारण उसने बड़े पैमाने पर इसका एक्सपोर्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस खबर के बाद सोमवार को मलेशिया के कमोडिटी बाजार में सितम्बर सीरीज के सौदों में 7.65 फीसदी की गिरावट देखी गई और ये 985.72 डालर प्रति टन पर बंद हुए। इससे पहले शुक्रवार को भी मलेशिया के बाजार में पाल्म ऑयल की कीमतें 4 प्रतिशत गिर कर बंद हुई थीं। मलेशिया में पाल्म आयल की कीमतें 22 सितम्बर 2021 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं।
दरअसल इंडोनेशिया के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि इंडोनेशिया देश में बढ़ रहे पाल्म ऑयल के भंडार को ध्यान में रखते हुए इसका एक्सपोर्ट कोटा बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही वह बायो डीजल में भी पाल्म ऑयल मिलाने की निश्चित मात्रा तय करने के बारे में सोच रहा है। इंडोनेशिया के पाल्म ऑयल की अधिकतर उपलब्धता के कारण अन्य देशों के कमोडिटी बाजारों में भी इसकी कीमतों में गिरावट देखी जा रही है और भारत में इसका निश्चत तौर पर असर देखने को मिलेगा। इस बीच कारोबारियों को चालू सीजन में पाल्म ऑयल के ज्यादा उत्पादन की भी उम्मीद है। इस उम्मीद को देखते हुए भी इसकी कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। इस बीच डेलियन एक्सचेंज में सोया ऑयल के कांट्रैक्स में 1.91 प्रतिशत और सोया के पाल्म कांट्रैक्स में 2.15 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
भारत पर क्या होगा असर
भारत अपनी जरूरत का करीब 50 फीसदी पाल्म ऑयल आयात करता है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाल्म ऑयल की कीमतों में आई गिरावट से देश में खाद्य तेलों की महंगाई कम होगी, जिससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही देश की एफ.एम.सी.जी. कंपनियों को भी इसका फायदा होगा क्योंकि इन कंपनियों के अधिकतर उत्पादों में पाल्म आयल का इस्तेमाल होता है और पाल्म ऑयल महंगा होने के कारण इनकी लागत पिछले कुछ महीनों से लगातार बढ़ रही थी। अब पाल्म ऑयल सस्ता होने के बाद कंपनियों की लागत कम होगी, जिससे इनका मुनाफा बढ़ सकता है।