पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने संसद भंग कर दी

Update: 2023-08-11 05:23 GMT

इमरान खान को पीएम पद गंवाएं एक वर्ष से अधिक का समय हो गया है। वो लगातार दावा करते रहे हैं कि उन्हें हटाने के पीछे अमेरिकी षड्यंत्र थी। हालांकि अब इमरान कारावास में हैं और पाक की शहबाज शरीफ गवर्नमेंट संसद भंग करके आम चुनाव के लिए हरी झंडी दे चुकी है। तीन वर्ष की सजा मिलने के बाद इमरान इस बार चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इस बीच पाक के गोपनीय डॉक्यूमेंट्स लीक हुए हैं। द इंटरसेप्ट द्वारा प्राप्त एक लीक पाकिस्तानी सरकारी दस्तावेज़ के अनुसार, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण पर अपने तटस्थ रुख के कारण अमेरिका ने 2022 में पाक के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के लिए दबाव बनाया था।

द इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी दस्तावेज़ में कहा गया है कि 7 मार्च 2022 को अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद खान और डोनाल्ड लू सहित अमेरिकी विदेश विभाग के दो ऑफिसरों की एक बैठक में क्या हुआ था? बैठक के एक दिन बाद, 8 मार्च 2022 को इमरान खान के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया और 10 अप्रैल को खान को सत्ता से बाहर कर दिया गया।

लीक दस्तावेज़ में क्या है?

दस्तावेज़ के अनुसार, दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के लिए अमेरिका के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने यूक्रेन पर पाक की तटस्थ स्थिति की निंदा की थी। दस्तावेज़ से पता चला कि उन्होंने अमेरिका में तत्कालीन पाकिस्तानी राजदूत के साथ बैठक के दौरान स्थिति को सुधारने के लिए अविश्वास मत का संकेत दिया था।

इमरान को हटाकर मिलेगी माफी

दस्तावेज़ के अनुसार, लू ने कहा, “यहां और यूरोप में लोग इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं कि पाक (यूक्रेन पर) इतना तटस्थ रुख क्यों अपना रहा है? यदि ऐसी स्थिति संभव भी है तो हमें यह इतना तटस्थ रुख नहीं लगता है।” रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद उन्होंने बोला कि यदि प्रधान मंत्री को बदल दिया गया, तो “वाशिंगटन सभी को माफ कर देगा।” लीक दस्तावेज़ के हवाले से द इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक लू ने कहा, “मुझे लगता है कि यदि पीएम के विरुद्ध अविश्वास मत सफल हो जाता है तो वाशिंगटन में सभी को माफ कर दिया जाएगा क्योंकि रूस यात्रा को पीएम के निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।”

दस्तावेज़ से पता चलता है कि वार्ता पाकिस्तानी राजदूत के यह कहने के साथ खत्म हुई कि उन्हें आशा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से अमेरिका के साथ पाक के संबंध पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लू ने कहा, “मैं तर्क दूंगा कि हमारे दृष्टिकोण से इसने पहले ही संबंध में दरार पैदा कर दी है।”

अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा, “हमें यह देखने के लिए कुछ दिन प्रतीक्षा करना चाहिए कि क्या सियासी स्थिति बदलती है? जिसका मतलब यह होगा कि इस मामले पर हमारे बीच कोई बड़ी असहमति नहीं होगी और दरार बहुत शीघ्र दूर हो जाएगी।”

अमेरिका ने दावों को झूठा कहा

उधर, इमरान खान को सत्ता से बाहर करने में कथित किरदार के लिए अमेरिका पर लगे आरोपों के उत्तर में विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बोला कि इल्जाम झूठे हैं। द इंटरसेप्ट के हवाले से उन्होंने कहा, “हमने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दिन तत्कालीन प्रधान मंत्री खान की मॉस्को यात्रा के बारे में चिंता व्यक्त की थी और उस विरोध को सार्वजनिक और निजी तौर पर कहा था।”

गौरतलब है कि 27 मार्च 2022 को इमरान खान, जो करप्शन के एक मुद्दे में गुनेहगार ठहराए जाने के बाद कारावास में हैं, ने इल्जाम लगाया था कि “विदेशी ताकतों” जिसे उन्होंने बाद में “वाशिंगटन” बोला था, ने उन्हें पद से हटाने की योजना बनाई थी। इस वर्ष जुलाई में, पाक के संघीय मंत्री, ख्वाजा आसिफ ने बोला कि पाक तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख ने “राजनीतिक उद्देश्यों के लिए राजनयिक साइफर का इस्तेमाल किया और निहित स्वार्थों के लिए पाक गवर्नमेंट के वर्गीकृत दस्तावेज़ का इस्तेमाल करने के लिए उन पर देशद्रोह का इल्जाम लगाया जा सकता है”। उन्होंने बोला कि साइफर मुद्दे में खान पर देशद्रोह का इल्जाम लग सकता है।

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