पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा- कानून का राज नहीं, संसाधनों पर है कब्जा
इतिहास का सबसे बड़ा कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू किया है.
तेजी से गर्त में जाते पाकिस्तान के हालात इन दिनों बेहद बिगड़ गए हैं. ना सरकार के पास देश चलाने को पैसा बचा है और ना ही यहां कानून का राज है. ये दोनों ही बातें प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने खुद स्वीकार की हैं. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के संसाधनों पर खास लोगों ने कब्जा कर दिया है. देश का विकास नहीं होने का मुख्य कारण कानून के शासन की अनुपस्थिति है. खान ने ये बातें अमेरिकी मुस्लिम स्कॉलर शेख हमजा यूसुफ के साथ एक ऑनलाइन इंटरव्यू में कही हैं. वह कैलिफोर्निया के जैतूना कॉलेज के प्रमुख हैं.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान टेलीविजन पर प्रसारित हुए इस इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा है, 'परेशानी ये है कि कुलीन वर्ग ने संसाधनों पर कब्जा कर लिया है, जिसने बड़ी आबादी को उचित स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और न्याय से वंचित कर दिया है… कानून का राज नहीं होने से पाकिस्तान उस ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाया है, जहां उसे होना चाहिए था.' उन्होंने कहा कि कोई भी समाज तब तक अपनी क्षमता को हासिल नहीं कर सकता, जब तक कानून का शासन ना हो (Imran Khan on Pakistan Situation) और विकासशील देशों में सबसे बड़ी समस्या यही है कि अमीरों और गरीबों के लिए अलग-अलग कानून हैं.
बताया कैसे बिखरता है देश
इमरान खान ने कहा, 'मेरिट भी कानून के शासन से जुड़ी है. अगर आपके समाज में अभिजात वर्ग (Pakistan Elite Class) है, जो अमीर है और संघर्ष नहीं करता है, और वह मुख्य पदों पर बैठते हैं तो देश इसी वर्ग के कारण बिखर जाता है.' उन्होंने कहा कि वह पैगंबर द्वारा मदीना राज्य की अवधारणा के आधार पर पाकिस्तान को एक इस्लामी कल्याणकारी देश बनाना चाहते हैं. इमरान कहते हैं, 'हम चाहते हैं कि देश दो सिद्धांतों पर आधारित हो. एक कल्याणकारी और मानवीय आधार हो. जो अपने समाज के निचले तबके की देखभाल करता हो और दूसरा कानून का शासन हो.'
पर्यावरण संकट पर क्या बोले इमरान?
इमरान खान ने पर्यावरण संकट (Environment Crisis) पर बोलते हुए कहा कि इसके लिए ईमानदारी से प्रयास किए जाने चाहिए. दुनिया की सबसे बड़ी पर्यावरणीय आपदा, जिसे जलवायु परिवर्तन कहा जाता है, वह इसलिए है क्योंकि मनुष्य पृथ्वी की रक्षा के मूल सिद्धांत से भटक गया है. खान ने कहा कि आज इंसान जो कुछ भी करेगा उसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों (Muslim Countries) के अधिकतर शासक अपना भरोसा खो चुके हैं. वो सत्ता में आकर सत्ता में बने रहने के लिए समझौते करते हैं और निजी हितों के लिए काम करते हैं. उन्होंने कहा कि नेताओं को नीची नजर से देखा जाता है क्योंकि वे लोगों की मदद करने का दावा करते हैं लेकिन इसके विपरीत अपनी खुद की मदद करते हैं. इसके साथ ही इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों की मदद करने के लिए देश के इतिहास का सबसे बड़ा कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू किया है.