पाकिस्तान की इमरान सरकार पत्रकार से डरा, सेना पर की टिप्पणी तो बंद करा दिया शो का टेलीकास्ट

पाकिस्तान के टीवी पत्रकार हामिद मीर को अपने देश की सेना पर टिप्पणी करना भरी पड़ गया।

Update: 2021-06-01 17:45 GMT

पाकिस्तान के टीवी पत्रकार हामिद मीर को अपने देश की सेना पर टिप्पणी करना भरी पड़ गया। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 28 मई को एक सभा के दौरान हामिद मीर ने अपने एक सहकर्मी असद तूर के घर में घुसकर हुई मारपीट का कड़ा विरोध जताया था। उस दौरान हामिद मीर ने ने इमरान खान सरकार और सेना के खिलाफ तीखे प्रहार किये थे। इस विरोध के कारण मीर को जिओ चैनल ने अपने टॉक शो की एंकरिंग करने से रोक दिया है।

दरअसल हामिद मीर ने पत्रकार असद तूर को कुछ अज्ञात हमलावरों द्वारा पीटे जाने की आलोचना की थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अगर हमलावर हमारे घरों में घुस कर हमे मार पीट सकते है तो हम उनके घरों में घुस कर क्यों नहीं मार सकते है। उनके इस बयान के तीन दिनों के बाद पाकिस्तानी जिओ टेलीविज़न की तरफ से यह बताया गया कि उनका कैपिटल टॉक शो अब प्रसारित नहीं होगा।
इस घटना पर बात करते हुए हामिद मीर ने इस्लामाबाद से द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मुझे जिओ टेलीविज़न की तरफ से मुझे पाकिस्तानी सेना के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। मैंने अपने मैनेजमेंट से कहा कि जिन तीन लोगों ने तूर पर हमला किया है। उनके चेहरे सीसीटीवी में कैद हो गए हैं। आप यह साफ कर दो कि वो लोग आईएसआई से नहीं हैं। उसके बाद मैं केवल स्पष्टीकरण ही नही बल्कि माफ़ी भी मांग लूंगा । मेरे इतना कहने के बाद मुझे कहा गया था कि आपको जल्द ही वापस बुलाया जायेगा। लेकिन जियो प्रबंधन ने मुझे जानकारी दी कि मुझे शो नहीं करना है।
यह पहली बार नहीं है जब हामिद मीर को ऑफ एयर किया गया है। इससे पहले 2007 में भी उनके इस शो कैपिटल टॉक को कुछ दिनों के लिए रोक दिया दिया गया था। उन्होंने 2014 में एक बम हमले में तत्कालीन आईएसआई प्रमुख जनरल जहीर उल इस्लाम का नाम लिया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे लिए कुछ भी नया नहीं है।मुझे पहले भी दो बार प्रतिबंधित किया गया था। दो बार नौकरी खोई। मैं संविधान में दिए गए अधिकारों के लिए आवाज उठाना बंद नहीं कर सकता। इस बार मैं किसी भी परिणाम के लिए तैयार हूं और किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं।क्योंकि वे मेरे परिवार को धमकी दे रहे हैं।
हामिद मीर ने अपने एक बयान में भारत का भी जिक्र किया था। हामिद ने कहा था कि भारत के साथ संबंधों में स्थायी बदलाव के लिए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के प्रयासों पर पाकिस्तान की आवाम के साथ साथ सेना में भी एक मत नहीं दिखाई देती है। साथ ही इज़राइल और भारत के साथ संबध पर उन्होंने कहा था कि हम पत्रकार इस देश के लोगों के साथ-साथ कायदे ए आजम के साथ भी खड़े हैं।
पकिस्तान में पहले भी कई पत्रकारों के साथ घर में घुसकर मारपीट और कईयों की हत्या तक की गई है। कुछ हफ्ते पहले ही पाकिस्तान के मुस्लिम लीग के करीबी माने जाने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार अबसार आलम को गोली मार दी गई थी। इससे पहले टीवी एंकर मतिउल्लाह जान को जुलाई 2020 में दुनिया पाकिस्तान की बदहाली का मुद्दा उठाने के कारण एजेंसियों के लोगों द्वारा उठा लिया गया था, बाद में उनके घर पर छोड़ दिया गया था।आपको बता दें कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में पाकिस्तान 145 वें स्थान पर है। वहीं भारत की स्थिति भी कुछ खास नहीं है, भारत इस सूचकांक में 142 वें स्थान पर है।
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