पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा- एलओसी के जरिए आतंकियों की घुसपैठ कराने का आरोप निराधार

पाकिस्तान ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर घुसपैठ के आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

Update: 2021-08-09 02:06 GMT

पाकिस्तान ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर घुसपैठ के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने रविवार को उन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि दर्जनों आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए लॉन्च पैड पर इंतजार कर रहे हैं।

इससे पहले भारत में एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि सेना नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड्स पर लगभग 140 आतंकवादियों की लगातार मौजूदगी देख रही है। यह सभी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में हैं, लेकिन मजबूत घुसपैठ रोधी सुरक्षा इंतजामों की वजह से वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।भारत पर लगाया आरोप

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने एक बयान में कहा कि हम उन निराधार आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं कि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के माध्यम से तथाकथित आतंकवादियों की घुसपैठ करना चाहता था। उन्होंने कहा कि समय-समय पर रिसाइकिल किए गए ऐसे आरोपों का कोई आधार नहीं है। इस साल फरवरी में पाकिस्तान ने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के हित में भारत के साथ 2003 के संघर्ष विराम समझौते के पालन को दोहराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत संघर्षविराम के समझौतों को खत्म करने के इरादे से तथाकथित घुसपैठ के प्रयासों के आधारहीन और भ्रामक आरोपों का उपयोग कर रहा है।

इस साल फरवरी में हुआ था समझौता

इससे पहले इसी साल हॉटलाइन पर भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद दोनों देश 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि से नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों में युद्धविराम का सख्ती से पालन करने पर सहमत हुए थे। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि संघर्ष विराम समझौता पाकिस्तान के लिए अधिक महत्वपूर्ण था, क्योंकि वह वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ग्रे सूची से बाहर आने की कोशिश कर रहा है।

अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर भारतीय अधिकारी ने कहा कि पिछले साल जब पाकिस्तानी सेना बार-बार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रही थी, तब भारतीय सेना ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें सीमा से लगे उनके सैन्य ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा था। पाकिस्तान इस संघर्ष-विराम का उपयोग उन्हीं इलाकों में अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कर रहा है।

पाकिस्तान ने चीनी नागरिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया

उधर, पाकिस्तान ने रविवार को चीन को आश्वासन दिया कि वह हाल के हफ्तों में उनके नागरिकों खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ जरूरी कदम उठाएगा। इसके साथ ही 60 अरब अमेरिकी डॉलर की चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना सहित देश में विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे चीनी नागरिकों को पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान कराई जाएगी।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के राजदूत नोंग रोंग ने रावलपिंडी में गृह मंत्री शेख राशिद से मुलाकात की और देश में चीनी नागरिकों को प्रदान की जाने वाली सुरक्षा पर चर्चा की। इस दौरान राशिद ने नोंग से कहा कि पाकिस्तान देश में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा।


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