पाकिस्तान की नजर FATF पर टिकी, क्या ग्रे लिस्ट की चंगुल से मुक्त होगा पाक?
प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई किए जाने का दबाव बनाता रहा है।
पाकिस्तान की नजर इस महीने होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी (FATF) पर टिकी है। एफएटीएफ की बैठक 21 से 25 फरवरी तक चलेगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की नजरें पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में रहने या बाहर आने पर रहेगी। इसके अलावा इमरान को एक और बड़ी चिंता सता रही है कि एफएटीएफ कहीं उसे ब्लैक लिस्ट न कर दे। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान ने उन मानकों को पूरा कर लिया है, जो ग्रे लिस्ट से बाहर हो सके। विशेषज्ञों का मानना है कि एफएटीएफ पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दे। विशेषज्ञ का मानना है कि एफएटीएफ की मीटिंग में बहुत सख्ती से इस बात पर गौर किया जाएगा कि इमरान सरकार ने टेरर फाइनेंसिंग और बड़े आतंकियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की और इसके सबूत कहां हैं ? अगर पाकिस्तान सबूत मुहैया नहीं कराता तो अन्य चार साल बाद भी उसका ग्रे लिस्ट में रहना तय है। मीटिंग 21 से 25 फरवरी तक चलेगी।