पाकिस्तान के 34 साल के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत को लेकर एक बड़ा दिया बयान
फांसीवाद और इस्लामोफोबिक नीति है जिसने न सिर्फ कश्मीर बल्कि पूरे भारत में एक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है।'
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के 34 साल के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उनके इस बयान पर भारत की तरफ से उन्हें फटकार भी लगाई गई है। बिलावल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत अब एक बदला हुआ देश है। इसके साथ ही उन्होंने इस जवाब में जम्मू कश्मीर से लेकर भारत में रहने वाले क्रिश्चियन और मुसलमानों का भी जिक्र कर डाला। इसके साथ ही बिलावल ने जम्मू कश्मीर में सीमाओं को बदलने का आरोप भी भारत पर लगाया है। साथ ही बिलावल ने कहा कि भारत सरकार की नीतियां इस्लामिक फोबिया का बढ़ाने वाली है।
भारत ने नहीं की कोई मदद
न्यूयॉर्क में फ्रांस 24 को दिए इंटरव्यू में कई बातें कही हैं जिस पर भारत ने विरोध जताया है। बिलावल से पूछा गया था, 'क्या आपने भारत से कोई मदद ली थी या कोई पेशकश की गई?' इस पर बिलावल ने जो जवाब दिया वह काफी विवादित था। बिलावल ने कहा, 'नहीं।' बिलावल ने इसी जवाब में आगे कहा, 'भारत के साथ हमारा लंबा और जटिल इतिहास रहा है। दुर्भाग्य से भारत, आज वह धर्मनिरपेक्ष भारत नहीं है जिसका वादा इसके संस्थापकों और पूर्वजों ने अपने नागरिकों से किया था।'
बिलावल ने आगे कहा, 'यह देश अब एक हिंदू प्रभुत्ववादी वाला देश बनता जा रहा है जहां पर क्रिश्चियन और मुसलमान अल्पसंख्यकों पर खतरा मंडराने लगा है।' इसके बाद उन्होंने अपने जवाब में जम्मू कश्मीर का जिक्र किया। उन्होंने कहा, सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि गैरकानूनी तरीके से कब्जे वाले इसके विवादित क्षेत्र जम्मू और कश्मीर में भी मुसलमानों को उत्पीड़न हो रहा है।'
आर्टिकल 370 का जिक्र
बिलावल ने इस इंटरव्यू में अगस्त 2019 में राज्य से आर्टिकल 370 के हटाये जाने का जिक्र भी किया। बिलावल ने कहा कि भारत ने कुछ ऐसे कदम उठाए और ऐसी कार्रवाई की जिसने पाकिस्तान के लिए आपसी संपर्क को काफी मुश्किल कर दिया। उनका कहना था कि भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को नजरअंदाज करके विवादित क्षेत्र की सीमाओं में बदलाव कर रहा है।
उनका कहना था कि भारत यहां की जनसांख्यिकीय में बदलाव की कोशिशें कर रहा है और ऐसे में पाकिस्तान के पास संपर्क बढ़ाने का कोई रास्ता नहीं बचता। बिलावल के शब्दों में, 'यह बिल्कुल ही जातिवाद, फांसीवाद और इस्लामोफोबिक नीति है जिसने न सिर्फ कश्मीर बल्कि पूरे भारत में एक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है।'