पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कश्मीर को लेकर दी थी ये बयान, अब देनी पड़ी सफाई
खासकर 2019 से लेकर अब तक फिर किस बात के लिए इतना शोर मचाया जा रहा था?
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अनुच्छेद 370 हटाने को भारत का आंतरिक मसला बताने पर अब सफाई पेश की है. कुरैशी ने मंगलवार को ट्वीट में कहा है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मामला भारत का आंतरिक मुद्दा नहीं हो सकता है. कुरैशी ने ट्वीट किया, "मैं साफ करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में अंतरराष्ट्रीय विवाद माना गया है. संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमतसंग्रह के जरिए ही इस विवाद का अंतिम समाधान हो सकता है. जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी विषय भारत का आंतरिक मुद्दा नहीं हो सकता है.
मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया था. इस फैसले को लेकर सबसे ज्यादा आपत्ति पाकिस्तान की तरफ से ही आई थी. पाकिस्तान ने भारत के अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन जुटाने की तमाम कोशिशें कीं लेकिन असफल रहा. यहां तक कि उसको इस्लामिक देशों का भी साथ नहीं मिला. हालांकि, जब कुरैशी ने अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मसला बताया तो पाकिस्तान में हंगामा मच गया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी टीवी चैनल समा को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उनकी राय में अनुच्छेद 370 की खास अहमियत नहीं है. कुरैशी ने कहा था कि अनुच्छेद 35-ए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये भारत के संविधान का ज्यादा अहम हिस्सा है और भारत अनुच्छेद 35-ए का इस्तेमाल कश्मीर की आबादी के स्वरूप को बदलने में कर रहा है. जब पाकिस्तानी विदेश मंत्री से सवाल किया गया कि क्या भारत ने पाकिस्तान से वार्ता करने को लेकर कोई आश्वासन दिया है तो उन्होंने जवाब में कहा, देखिए, अनुच्छेद 370 उनकी आंतरिक समस्या है. कश्मीर के लोग भारत सरकार से शिकायत करते हैं कि उन्होंने वादे किए लेकिन अब उनकी पहचान खत्म करने की कोशिश कर रही है. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है और कश्मीर के लोगों ने भी इसे चुनौती दी है.
कुरैशी ने कहा था, "कश्मीर में जो भी कदम उठाए गए हैं, उसकी कड़ी प्रतिक्रिया हुई है. चाहे वो 370 की शक्ल में हो या 35A की. एक बहुत बड़ा तबका मानता है कि इन कदमों से हिंदुस्तान ने खोया ज्यादा है और पाया कम है. उन्होंने कहा, "हमारी परेशानी तो 35A को लेकर है, क्योंकि इसके जरिए कश्मीर में आबादी का संतुलन बदलने की कोशिश की जा रही है."
कुरैशी अनुच्छेद 370 पर दिए गए इस बयान को लेकर पाकिस्तान में ही बुरी तरह घिर गए. विपक्षी दल पीएमएल-एन ने अनुच्छेद 370 पर कुरैशी के बयान को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के प्रवक्ता मोहम्मद जुबैर ने कहा कि वह मंत्री के बयान से बेहद नाखुश हैं. उन्होंने ट्वीट किया, क्या ये ऐतिहासिक यू-टर्न है? कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत के अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि ये भारत का आंतरिक मुद्दा है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान ने कश्मीर पर अपने उस पुराने रुख को बदल दिया है जिसके मुताबिक कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है.
सिंध के पूर्व गवर्नर ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाकर भारत ने कश्मीर को अपने केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा बना लिया. उन्होंने हैरानी जताई कि अगर पाकिस्तान इसे स्वीकार करता है तो फिर पाकिस्तान के दशकों पुराने रुख का क्या हुआ? उन्होंने सवाल किया, इतने सालों से, खासकर 2019 से लेकर अब तक फिर किस बात के लिए इतना शोर मचाया जा रहा था?