FATF की ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान, दिए सख्त संदेश
FATF के अध्यक्ष ने तुर्की को जटिल धन शोधन मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने की सलाह दी।
एफएटीएफ (Financial Action Task Force, FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान तब तक 'ग्रे लिस्ट' में रहेगा जब तक कि वह साबित नहीं कर देता कि हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ ठोस और विश्वसनीय कार्रवाई की जा रही है। पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल एफएटीएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद के खिलाफ 34 सूत्रीय एजेंडे में से चार को पूरा करने में विफल रही है।
अप्रैल 2022 तक ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाक
एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने बताया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखे जाने का फैसला एफएटीएफ की आनलाइन बैठक में लिया। इस बैठक में एफएटीएफ के 205 सदस्य, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और संयुक्त राष्ट्र समेत कई पर्यवेक्षक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। एफएटीएफ का अगला सत्र अप्रैल 2022 में होने वाला है... माना जा रहा है कि तब तक पाकिस्तान एफएटीएफ की 'ग्रे लिस्ट' में ही बना रहेगा।
हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ हो ठोस कार्रवाई
मार्कस प्लेयर ने कहा कि हम चाहते हैं कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकी फंडिंग के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई पारदर्शी हो। पाकिस्तान सरकार संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकी सरगनाओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। पाकिस्तान को दिखाना होगा कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों और उनके नेतृत्व वाले संगठनों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
दुनिया की आंखों में धूल झोंकता रहा है पाकिस्तान
गौर करने वाली बात है कि जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर भारत की वांटेड लिस्ट में भी शामिल हैं। दरअसल पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई किए जाने का दबाव बनाता रहा है।
34-सूत्रीय कार्य योजना में से 30 पर ही अमल
एफएटीएफ ने बताया कि पाकिस्तान को 34-सूत्रीय कार्य योजना सौंपी गई थी जिसमें से 30 पर ही कार्रवाई की गई है। मालूम हो कि एफएटीएफ ने जून में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में रखा था। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और उनके सरगनाओं पर मुकदमा चलाने के भी निर्देश दिए थे। इसके साथ ही एफएटीएफ ने पाकिस्तान को एक कार्य योजना दी थी और इस पर सख्ती से अमल करने को कहा था।
तुर्की पर भी गिरी गाज, जार्डन और माली भी ग्रे लिस्ट में
एफएटीएफ ने पाकिस्तान के हमदर्द तुर्की पर भी कड़ी कार्रवाई की है। एफएटीएफ ने तुर्की को भी ग्रे लिस्ट में रखा है। जार्डन और माली भी इसी निगरानी सूची में रखे गए हैं। वहीं मारीशस और बोत्सवाना को इस सूची से बाहर कर दिया गया है। एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने कहा कि भले ही आतंकी फंडिंग रोकने के संदर्भ में तुर्की ने कुछ प्रगति की है लेकिन अभी भी गंभीर मुद्दे बने हुए हैं। FATF के अध्यक्ष ने तुर्की को जटिल धन शोधन मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने की सलाह दी।