भारतीय मछुआरों को भारत को सौंपेगा पाकिस्तान, जेल में 4 साल तक रहे शख्स ने सुनाई आपबीती
अभाव के कारण आधुनिक समय के नौवहन उपकरण नहीं रखने वाले मछुआरे गलती से सीमा पार चले जाते हैं.
पाकिस्तान (Pakistan) देश के जलक्षेत्र में कथित रूप से प्रवेश करने के कारण गिरफ्तार किए गए 20 भारतीय मछुआरों (Indian Fishermen in Pakistan) को सोमवार को वाघा बॉर्डर के जरिए भारत को सौंपेगा. एक वरिष्ठ कारागार अधिकारी ने यह जानकारी दी है. कराची (Karachi) की लांडी जेल में रखे गए मछुआरों को मानवीय आधार पर रविवार को रिहा कर दिया गया. 'डॉन' समाचार पत्र के अनुसार, पुलिस उपाधीक्षक अजीम थेबो ने बताया कि सद्भावना के तहत इन 20 भारतीय मछुआरों की रिहाई के बाद इस जेल में अब 568 भारतीय मछुआरे हैं.
रिहा किए गए इन मछुआरों को पाकिस्तानी जलक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने और बिना अनुमति मछलियां पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें सामाज कल्याण के लिए काम करने वाले संगठन 'ईधी फाउंडेशन' ने सड़क मार्ग से लाहौर तक पहुंचाया. ईधी फाउंडेशन के प्रवक्ता ने कहा कि संगठन मछुआरों के लाहौर तक जाने का खर्च वहन करेगा, जहां उन्हें भारत के सीमा सुरक्षा बल को सौंपा जाएगा. ईधी फाउंडेशन ने हर मछुआरे को सद्भावना के तहत पचास-पचास हजार रुपए भी दिए.
चार साल जेल में रहे मछुआरे ने क्या कहा?
जेल में चार साल तक रहे मछुआरे भावेश भीका ने कहा कि वह जिस नौका पर सवार था, वह रात में बहकर पाकिस्तानी जलक्षेत्र में आ गई थी. उन्होंने कहा, 'हमारे पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि हमने आपकी सीमा का उल्लंघन किया है.' पाकिस्तान और भारत समुद्री सीमा के उल्लंघन के कारण एक दूसरे के मछुआरों को नियमित रूप से पकड़ते हैं (Pakistan India Prisoners List). भारत और पाकिस्तान ने इस साल की शुरुआत में कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया था, जिसके अनुसार कम से कम 628 भारतीय कैदी पाकिस्तान में हैं, जिनमें से 577 मछुआरे हैं.
भारत ने पाकिस्तान के साथ लिस्ट शेयर की
भारत ने पाकिस्तान के साथ 355 पाकिस्तानी कैदियों की सूची साझा की थी, जिनमें 73 मछुआरे थे (Pakistan India Shares Prisoners List). गैर सरकारी संगठन 'पाकिस्तान फिशरमेन फोरम' ने कहा कि दोनों देशों के बीच अरब सागर के तटीय क्षेत्र में एक स्पष्ट सीमांकन रेखा के अभाव के कारण आधुनिक समय के नौवहन उपकरण नहीं रखने वाले मछुआरे गलती से सीमा पार चले जाते हैं.