पाकिस्तान खरीदेगा फाइजर के टीके की 1.3 करोड़ खुराकें, समझौते पर किए हस्ताक्षर
खबर के मुताबिक, इन खुराकों की आपूर्ति 2021 के दौरान करने की योजना है।
खबर के मुताबिक, इन खुराकों की आपूर्ति 2021 के दौरान करने की योजना है। डॉन अखबार ने खबर दी है कि फाइजर-बायोएनटेक टीके की 1.3 करोड़ खुराकों की आपूर्ति के लिए फाइजर पाकिस्तान और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के बीच सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। फाइजर पाकिस्तान के देश प्रबंधक सैयद मोहम्मद वजीहुद्दीन ने एक बयान में कहा कि हम पाकिस्तानी सरकार के साथ काम करके बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हम पाकिस्तान के लोगों तक जल्द से जल्द कोविड-19 टीका पहुंचाने के लिए हमारे साझा लक्ष्य की ओर हमारे वैज्ञानिक और विनिर्माण संसाधनों को लगाने को तैयार हैं।
बायोएनटेक में मुख्य व्यवसायी एवं प्रमुख वाणिज्य अधिकारी सीन मेरेट ने उनमें भरोसा जताने और समर्थन करने के लिए पाकिस्तानी सरकार का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के मुताबिक, एनआईएच में 57 देशों के कुल 630 राजनयिकों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के कर्मचारियों को टीका लगाया गया है।
एनआईएच के एक अधिकारी ने नाम न छापने की गुजारिश पर बताया कि नियमों के अनुसार, सिर्फ पाकिस्तानी नागरिक ही मुफ्त टीके के हकदार थे, लेकिन पिछले महीने राजनयिकों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ उठाने की इजाजत देने का फैसला किया गया। एक सवाल के जवाब में, अधिकारी ने कहा कि राजनयिकों को उपलब्ध टीकों में से विकल्प दिया गया था और अधिकतर ने चीनी टीकों का विकल्प चुना था।
इस बीच अमेरिकी दूतावास ने बताया कि पाकिस्तान को यूएसएआईडी पाकिस्तान के माध्यम से अमेरिकी सरकार द्वारा दान दिए गए आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों की दूसरी खेप मिल गई है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री के विशेष सहायक, स्वास्थ्य, डॉ. फैसल सुल्तान ने कहा कि देश में 2,000 से अधिक टीकाकरण केंद्र हैं और हर केंद्र पर आगंतुकों की संख्या अलग अलग होती है। कुछ केंद्रों में टीकों की कमी हो सकती है।
इस बीच पाकिस्तान में मंगलवार को कोरोना वायरस के आठ महीनों में सबसे कम मामले सामने आए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 663 मरीज मिले जो पिछले साल 20 अक्तूबर के बाद सबसे कम हैं जब 660 संक्रमित मिले थे। पाकिस्तान में इस अवधि में 27 और मरीजों की मौत हुई जिसके बाद मृतक संख्या 22,034 पहुंच गई तथा कुल मामले 9,49,838 हो गए हैं।