तालिबान आतंकियों की खुलकर मदद करने वाले पाकिस्‍तान ने अब दोस्‍त को बड़ा झटका

अफगानिस्‍तान की जमीन का इस्‍तेमाल आतंकवाद के प्रसार के लिए नहीं करने दिया जाएगा।

Update: 2022-07-23 10:20 GMT

इस्‍लामाबाद: अशरफ गनी सरकार के खिलाफ जंग में तालिबान आतंकियों की खुलकर मदद करने वाले पाकिस्‍तान ने अब दोस्‍त को बड़ा झटका दिया है। अब तक दुनिया से तालिबान को मान्‍यता देने की गुहार लगाने वाले पाकिस्‍तान ने खुद ही इससे पल्‍ला झाड़ लिया है। दरअसल, तालिबानी चाहते थे कि साल 1990 के दशक की तरह से पाकिस्‍तान अफगानिस्‍तान की नई सरकार को सबसे पहले मान्‍यता देकर पिछले करीब एक साल से चल रहे संकट को खत्‍म करे। इस पर टीटीपी और डूरंड लाइन को लेकर तनाव का सामना कर रहे पाकिस्‍तान ने साफ कर दिया है कि वह तालिबान की सरकार को अकेले मान्‍यता नहीं देगा।



पाकिस्‍तान ने शुक्रवार को कहा कि वह अफगानिस्‍तान की तालिबान सरकार को एक क्षेत्रीय और आपसी सहमति वाले रवैये के जरिए मान्‍यता देगा। 1990 के मध्‍य में तालिबानी अफगानिस्‍तान में सत्‍ता में आए थे लेकिन साल 2001 में अमेरिकी सेना की कार्रवाई के बाद उन्‍हें सत्‍ता से जाना पड़ा था। हालांकि गत वर्ष अगस्‍त महीने में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबानी फिर से सत्‍ता में आ गए लेकिन उनकी इस नई सरकार को अभी तक किसी देश ने मान्‍यता नहीं दी है।


भारत ने भी काबुल में अपने दूतावास को फिर से सक्रिय किया
पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता असीम इफ्तिखार ने तालिबान को मान्‍यता देने के सवाल पर कहा, 'मैं समझता हूं कि सबसे अच्‍छा यह रहेगा कि इसे एक क्षेत्रीय और आपसी सहमति वाले रवैये के लिए जरिए किया जाए।' तालिबान को मान्‍यता दिए बिना भी कई देशों ने काबुल में अपने दूतावास को खोला है। यहां तक कि तालिबान के कोई संपर्क नहीं रखने वाले भारत ने भी हाल ही में काबुल में अपने दूतावास को फिर से सक्रिय किया है। इस साल मार्च महीने में पाकिस्‍तान समेत कुछ देश तालिबान को मान्‍यता देने जा रहे थे लेकिन कुछ मुद्दों पर तालिबान के कदम नहीं उठाने पर उन्‍होंने मान्‍यता देने से इंकार कर दिया।


पाकिस्‍तान ने यह भी कहा कि अफगानिस्‍तान में सुरक्षा हालात बेहतर हुए हैं लेकिन मानवीय और आर्थिक संकट बहुत गहरा गया है। पाकिस्‍तानी प्रवक्‍ता ने कहा कि अलकायदा, आईएसकेपी और टीटीपी जैसे आतंकी अफगानिस्‍तान में सक्रिय हैं और खतरा बन गए हैं। उन्‍होंने कहा कि दुनिया को तालिबान से अपेक्षा है कि अफगानिस्‍तान की जमीन का इस्‍तेमाल आतंकवाद के प्रसार के लिए नहीं करने दिया जाएगा।

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