अफगानिस्तान के लिए उड़ानों को अस्थायी रूप से पाकिस्तान ने किया निलंबित
पाकिस्तान ने काबुल के लिए उड़ानों का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है.
इस्लामाबाद, पाकिस्तान ने काबुल के लिए उड़ानों का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. और फिलहाल किसी को भी नहीं निकाल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जानकारी मिली है। सरकार द्वारा संचालित पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) एकमात्र वाणिज्यिक एयरलाइन थी, जो पिछले हफ्ते तालिबान द्वारा सत्ता हथियाने के बाद अफगानिस्तान से राजनयिकों और विदेशी नागरिकों को निकालने में मदद करने के लिए पिछले कुछ दिनों के दौरान काबुल से उड़ानें संचालित कर रही थी
जियो न्यूज ने शनिवार को बताया कि पीआईए ने शनिवार को काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुविधाओं की कमी और कचरे के ढेर के कारण काबुल से उड़ानों के संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया।
सूत्रों का हवाला देते हुए इसने कहा कि काबुल हवाई अड्डे पर कोई आव्रजन अधिकारी और सुरक्षा जांच नहीं थी। तालिबान के देश पर अधिकार करने के बाद से सफाई कर्मचारी भी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं। सूत्रों ने आशंका जताई कि हवाई अड्डे के टरमैक पर जमा हुआ कचरा दुर्घटना का कारण बन सकता है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि काबुल हवाईअड्डे की सुरक्षा अमेरिका और नॉटो सैनिकों के लिए है और उनकी दिलचस्पी केवल सैन्य विमानों में थी। रेडियो पाकिस्तान ने यह भी बताया कि पीआईए ने काबुल हवाई अड्डे पर आवश्यक सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण अफगानिस्तान के लिए अपने उड़ान संचालन को "अस्थायी रूप से" निलंबित कर दिया है।
पीआईए के प्रवक्ता अब्दुल्ला हफीज के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि उड़ान संचालन कुछ दिनों के लिए बंद रहेगा। हफीज ने कहा कि हमने काबुल हवाई अड्डे पर सभी आवश्यक सुविधाओं की बहाली के लिए अफगान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण से बात की है ताकि पीआईए अपना उड़ान संचालन फिर से शुरू कर सके।
पीआईए ने पांच उड़ानों में पत्रकारों, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और पाकिस्तानी नागरिक सहित अब तक 1,500 लोगों को निकाला है। तालिबान ने पिछले रविवार को अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था। दो हफ्ते पहले अमेरिका ने दो दशक के युद्ध के बाद अपनी सेना की वापसी पूरी करने के लिए तैयार किया था।
तालिबान ने अफगानिस्तान में धावा बोल कर कुछ ही दिनों में सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया क्योंकि अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा प्रशिक्षित और सुसज्जित अफगान सुरक्षा बल पीछे हो गए थे। उन्होंने उनका कोई मुकाबला नहीं किया।