पाकिस्‍तान: अलकायदा जैसे संगठन की वजह से पाक को झेलनी पड़ सकती है परेशानी, अमेरिकी जनरल ने चेताया

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद आतंकवादी दोबारा संगठित होने का प्रयास करेंगे

Update: 2021-04-26 16:30 GMT

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद आतंकवादी दोबारा संगठित होने का प्रयास करेंगे। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के लिए अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे संगठन ज्यादा दिक्कत कर सकते हैं। अन्य पड़ोसी देश भी इन संगठनों से प्रभावित रहेंगे। यह जानकारी पेंटागन की पत्रकार वार्ता के दौरान अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जूनियर कमांडर जनरल कैनेथ एफ मैकेंजी ने दी।

उन्होंने कहा कि अगर निरंतर दबाव नहीं बनाया गया तो ये संगठन दोबारा एकजुट होने में सक्षम हैं। ऐसी स्थितियां अफगानिस्तान के सभी पड़ोसी देशों विशेषकर पाक के लिए चिंता का विषय बन सकती हैं। जनरल मैकेंजी पर पाक और अफगान में अमेरिकी सेना की गतिविधियों की जिम्मेदारी है।
मैंकेजी ने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना और राजनयिक इस बात की संभावना तलाश रहे हैं कि समस्या का हल करने के लिए आसपास के देशों से अमेरिकी सैन्य अड्डे बनाने पर समझौता किया जाए। जहां लड़ाकू विमानों को भी रखा जा सके, जो जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई कर सकें। हालांकि ऐसे निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर ही लिए जाएंगे। अफगानिस्तान में 18 साल पहले अमेरिका ने बलूचिस्तान के शम्सी हवाई अड्डे से इसी तरह से अफगानिस्तान में ड्रोन से हमले करते हुए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
उधर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पाक भारत के साथ सभी विवादों पर वार्ता के जरिये हल करना चाहता है। भारत को पहले 5 अगस्त 2019 को कश्मीर के संबंध में लिए गए निर्णयों पर पुनर्विचार करना चाहिए। भारत ने इस दिन अनुच्छेद 370 हटाने सहित कई निर्णय लिए थे। तुर्की की मीडिया से बात करते हुए पाक के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत से वार्ता में हमें कोई परेशानी नहीं है। वार्ता के लिए उसे कश्मीर पर पहले विचार करना चाहिए। शाह महमूद ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर वार्ता कर सुलझाया जा सकता है।
Tags:    

Similar News

-->