बायरकटार टीबी2 ड्रोन को ऑपरेट कर रहा पाकिस्तान, कश्मीर से गुजरात तक बढ़ा खतरा
इस ड्रोन को रेडियो गाइडेड होने के कारण 320 किमी के रेंज में ऑपरेट किया जा सकता है।
इस्लामाबाद: भारत के खिलाफ जंग की तैयारी में जुटा पाकिस्तान लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहा है। पाकिस्तान के इस काम में सबसे ज्यादा मदद उसका दूसरा सदाबहार दोस्त तुर्की कर रहा है। हाल में ही एक पाकिस्तानी एयरफोर्स बेस की सैटेलाइट तस्वीर में तुर्की से खरीदा गया Bayraktar TB2 ड्रोन नजर आया है। इस ड्रोन के नजदीक ही इसका कंट्रोल और कमांड सेंटर भी दिखाई दे रहा है। जिस लोकेशन पर इस ड्रोन को देखा गया है, वहां से उड़ान भरने के बाद यह आसानी से कश्मीर और पंजाब सीमा पर गश्त लगा सकता है।
सैटेलाइट तस्वीर से खुली पाकिस्तान की पोल
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa_ ने सैटेलाइट तस्वीर का विश्लेषण कर बताया है कि यह ड्रोन पाकिस्तानी वायु सेना के मुरीद बेस पर देखा गया है। पीएएफ मुरीद बेस पाकिस्तानी पंजाब के चकवाल जिले में स्थित है। मुरीद एयरबेस से अमृतसर की दूरी 243 किलोमीटर और श्रीनगर 228 किलोमीटर है। ऐसे में यह ड्रोन आसानी से भारतीय सीमा के आसपास की गतिविधियों पर नजर रख सकता है।
रूस यूक्रेन युद्ध में भी ताकत दिखा चुका है यह ड्रोन
तुर्की के इसी Bayraktar TB2 ड्रोन ने यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना को कई गहरे जख्म दिए हैं। यूक्रेन का दावा है कि इस ड्रोन ने रूस के सैकड़ों टैंकों, आर्मर्ड व्हीकल और मिलिट्री बेस को निशाना बनाया है। रूस के महाशक्तिशाली युद्धपोत मोस्कवा को भी डूबाने में इसी ड्रोन का हाथ बताया जाता है। नागोर्नो काराबाख युद्ध के दौरान भी अजरबैजान ने इसी ड्रोन की मदद से आर्मीनियाई सेना की कमर तोड़ दी थी। ऐसे में पाकिस्तान के पास इस ड्रोन की मौजूदगी भारत के लिए खतरे की बात हो सकती है।
राष्ट्रपति एर्दोगन के दामाद की कंपनी बनाती है यह ड्रोन
तुर्की के Bayraktar TB2 को बायकर डिफेंस नाम की कंपनी बनाती है। इस कंपनी को तुर्की के राष्ट्रपति तैयप रेसेप एर्दोगान के दामाद सेलकूक बायरकतार चलाते हैं। तुर्की का बयरकतार TB2 हल्के हथियारों से लैस है। इसमें चार लेजर- गाइडेड मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इस ड्रोन को रेडियो गाइडेड होने के कारण 320 किमी के रेंज में ऑपरेट किया जा सकता है।