पाकिस्तान ने आतंकियों मसूद खान को बनाया अमेरिका में दूत, भारत और पाक में भी हो रही आलोचना
पाकिस्तान ने आतंकियों से करीबी संबंध रखने वाले मसूद खान को अमेरिका में अपना नया दूत नियुक्त करने की घोषणा की है।
पाकिस्तान ने आतंकियों से करीबी संबंध रखने वाले मसूद खान को अमेरिका में अपना नया दूत नियुक्त करने की घोषणा की है। यह फैसला पाक सरकार पर कट्टरपंथी इस्लामिक और आतंकी संगठनों के गहरे प्रभाव को दर्शाता है। इस फैसले की भारत-अमेरिका सहित पाकिस्तान में भी आलोचना हो रही है।
हिजबुल समर्थक इस्लामी आतंकी है मसूद खान
'फाइटिंग टू द एंड : द पाकिस्तान आर्मीज वे ऑफ वॉर' और 'इन देयर ओन वर्ड्स : अंडरस्टैंडिंग द लश्कर-ए-ताइबा' की लेखिका क्रिस्टीन फेयर एक समाचार वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख में लिखती हैं कि मसूद खान का कट्टपंथी इस्लामी आतंकियों के साथ काम करने का लंबा इतिहास रहा है और वह खुद एक खतरनाक कट्टरपंथी हैं।
फजलुर रहमान खलील का करीबी रहा
फेयर के मुताबिक खान हिजबुल मुजाहिदीन का समर्थक है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने 2017 में एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था। वह फजलुर रहमान खलील का करीबी रहा है, जिसने देवबंदी हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम) की स्थापना की थी। अमेरिका ने 1997 में इस समूह को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया और बाद में 2014 में खलील को भी वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। खलील अल-कायदा और ओसामा बिन लादेन का भी करीबी था।
कश्मीर को आतंक से जीतने की सोच रखता है खान
फेयर लिखती हैं कि मसूद भारत के सशस्त्र बलों के खिलाफ अनर्गल लेख और उत्तेजक भाषण भी देता रहा है। आतंकी बुरहान वानी को उसने नायक के तौर पर पेश किया था। वह कश्मीर के प्रति पाकिस्तान की अपनी नीतियों का मजाक उड़ाते हुए आतंकी उपायों से कश्मीर को जीतने की मानसिकता रखता है।