पाकिस्तान इन दिनों तापमान बढ़ने के साथ साथ 60 साल के सबसे बड़े जल संकट
पानी की कमी से भीषण सूखा पड़ सकता है।
अर्थ संकट से जूझ रहा पाकिस्तान इन दिनों तापमान बढ़ने के साथ साथ 60 साल के सबसे बड़े जल संकट का सामना कर रहा है। जल व स्वच्छता एजेंसी (डब्ल्यूएएसए) ने रावल पिंडी में बहुत कम जलापूर्ति की बात स्वीकारी वहीं सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) को पंजाब और सिंध प्रांतों में फिलहाल धान की बुवाई न करने की सलाह तक देनी पड़ी है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएएसए के प्रबंध निदेशक राजा शौकत महमूद ने माना कि रावलपिंडी शहर में 59 मिलियन गैलन की जरूरत के मुकाबले रोजाना महज 46 एमजीडी जलापूर्ति ही हो रही है। इस बीच, पेशावर क्षेत्र में भूजल स्तर भी घटकर 650 फीट रह गया है। जबकि रावल और खानपुर बांधों से आपूर्ति में कटौती ने पानी की कमी को और बढ़ा दिया है।
उधर, डॉन अखबार ने पंजाब और सिंध प्रांत में आईआरएसए के हवाले से राज्यों में पानी की 32 फीसदी कमी बताई। हालात इतने विकट हो गए हैं कोटरी बैराज सबसे गंभीर 50.44 प्रतिशत की कमी झेल रहा है। अकेले सिंध प्रांत के तीन बैराज 36.94 फीसदी पानी की कमी से जूझ रहे हैं। अब देश में विपक्षी पार्टियों ने इमरान सरकार पर पिछले तीन वर्षों में जल संग्रह के लिए ठोस उपाय नहीं किए जाने को लेकर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
मीठे पानी की उपलब्धता चिंताजनक
बढ़ती आबादी और जलवायु परिवर्तन के बीच, दक्षिण एशिया में विशेष रूप से पाकिस्तान में मीठे पानी की उपलब्धता चिंताजनक होती जा रही है। इसके 2040 तक पूर्ण जल संकट का सामना करने की आशंका है। एक अमेरिकी पत्रिका के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को पानी की गंभीर कमी का सामना करने वाले देशों की सूची में तीसरे स्थान पर रखा है।
सिंध सरकार ने इमरान की पार्टी पर लगाया जल चोरी का आरोप
सिंध प्रांत में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष निसार अहमद खुहरो ने सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण योजना को लेकर एक बैठक की। बैठक में राज्य के कृषि मंत्री इस्माइल राहू ने इमरान के नेतृत्व वाली केंद्र की पीटीआई पार्टी पर जल चोरी का आरोप लगाया। उन्होंने सिंध प्रांत में बलूचिस्तान का पानी रोकने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पंजाब प्रांत सिंध और बलूचिस्तान का पानी रोक रहा है।
2025 तक पड़ सकता है भीषण सूखा
विश्व आर्थिक मंच की सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में जल संकट पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा होगा। पाकिस्तान काउंसिल ऑफ रिसर्च इन वाटर रिसोर्सेज ने अपनी रिपोर्ट में पानी की स्थिति को बेहद कमजोर बताया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में 2025 तक शुष्क नीति और पानी की कमी से भीषण सूखा पड़ सकता है।