पाकिस्तान : इमरान खान ने अपने कार्यकाल में 40 अरब डॉलर का लोन लेकर बनाया सबसे बड़ा रिकॉर्ड, दावा किया है कि पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था भारत से बेहतर है

Update: 2022-01-12 10:54 GMT

कंगाल पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था भारत से बेहतर है। इमरान खान का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्‍तान 1 अरब डॉलर के लोन के लिए अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष के दरवाजे पर झोली फैलाए खड़ा है। साल 2018 में सत्‍ता में आए इमरान खान ने लोन लेने के अब तक के सभी रेकॉर्ड तोड़ते हुए पिछले 3 साल में 40 अरब डॉलर का कर्ज लिया है।

चर्चित पाकिस्‍तानी पत्रकार हामिद मीर मुताबिक इमरान खान खुद को हमेशा ही पाकिस्‍तान को संकट से बचाने वाला दिखाते हैं। वह अक्‍सर यह कहते हैं कि कोई देश तभी कर्ज बहुत ज्‍यादा लेता है जब खुद उसके नेता भ्रष्‍ट होते हैं। इमरान खान ने सत्‍ता में आने से पहले दावा किया था कि वह लोन के लिए गिड़गिड़ाने की बजाय अपनी जान देना पसंद करेंगे। हालांकि सत्‍ता में आने के बाद इमरान खान अपने ही बयानों को भूल गए हैं। उन्‍होंने पिछले 3 वर्षों में 40 अरब डॉलर लोन लेकर पहले बने सभी रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं।


पाकिस्‍तान आर्थिक दिवालिया होने की कगार पर

पाकिस्‍तान के विपक्षी दल अब इमरान खान से कह रहे हैं कि वह अपनी बात पर कायम रहें और चूंकि उन्‍होंने पाक‍िस्‍तान की आर्थिक संप्रभुता को आईएमएफ के सामने गिरवी रख दिया है, इसलिए पीएम अपनी जान दे दें। वहीं कुछ विशेषज्ञ तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि पाकिस्‍तान आर्थिक दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है। अब सबसे बड़ा सवाल पाकिस्‍तान में यह हो गया है कि क्‍या इमरान खान पाकिस्‍तान को आर्थिक तबाही से बचा पाएंगे या साल 2023 में होने वाले चुनाव से पहले ही अपनी सरकार गंवा बैठेंगे।

इमरान खान सत्‍ता में आने के बाद अब तक के सबसे लकी प्रधानमंत्री साबित हुए थे और उन्‍हें देश की शक्तिशाली सेना का पूरा समर्थन मिला हुआ था। यही नहीं विपक्ष भी कमजोर हो गया था और बंटा हुआ था। करीब 3 साल तक मजे करने के बाद अब इमरान खान की अपनी सरकार संकट में आ गई है। इमरान खान के पतन की यह शुरुआत पिछले साल सितंबर महीने में हुई जब सैन्‍य आवासीय इलाके में हुए स्‍थानीय निकाय के चुनाव में उनकी पार्टी पीटीआई हार गई।

दक्षिण एशिया में पाकिस्‍तान में सबसे ज्‍यादा महंगाई

इसके बाद इमरान खान की पार्टी अफगानिस्‍तान से सटे खैबर पख्‍तूनख्‍वा प्रांत में भी स्‍थानीय निकाय के चुनाव हार गई। इमरान खान की पार्टी साल 2013 से इस इलाके में सत्‍ता में थी लेकिन उसे ज्‍यादातर शहरों में हार का मुंह देखना पड़ा। इससे इमरान खान पूरी तरह से घबरा गए हैं। इमरान खान ने साल 2022 की शुरुआत तेल की कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि के साथ की। आम पाकिस्‍तानी बढ़ती महंगाई से जहां जूझ रहा है, वहीं इमरान खान दावा कर रहे हैं कि उनका देश दुनिया के सबसे सस्‍ते देशों में से एक है। हकीकत यह है कि दक्षिण एशिया में पाकिस्‍तान में सबसे ज्‍यादा महंगाई है। पाकिस्‍तानी रुपया डॉलर के सामने दम तोड़ रहा है। इन सबके बाद इमरान खान पाकिस्‍तान को भारत से बेहतर बता रहे हैं।


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