FATF की निगरानी सूची में सबसे ज्यादा वक्त तक रहने वाले देशों में शामिल हुआ पाक, आतंकी फंडिंग रोकने पर गठित एजेंसी की ग्रे लिस्ट में भी रहेगा शामिल

FATF की निगरानी सूची में सबसे ज्यादा वक्त तक रहने वाले देशों में शामिल हुआ पाक

Update: 2022-03-05 14:15 GMT
नई दिल्ली: अंतरारष्ट्रीय स्तर पर आतंकी फंडिंग रोकने व इसकी निगरानी के लिए स्थापित एजेंसी फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में पाकिस्तान बना रहेगा। एफएटीएफ की पेरिस में चली एक पखवाड़े के बैठक के फैसलों की घोषणा शुक्रवार देर रात को हुई जिसमें बताया गया है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बना कर रखा गया है। इस सूची से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से नामित आतंकी संगठनों के सरगनाओं जैसे हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी होगी।
पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी सूची में सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले देशों में अब शामिल हो गया है। हालांकि टास्क फोर्स ने माना है कि उसकी तरफ से 27 कदम उठाने को पाकिस्तान को कहा गया था कि उसमें से 26 पर उसने कार्रवाई की है। हालांकि यह भी साफ है कि अब जब तक पाकिस्तान सरकार आतंकी सरगनाओं के खिलाफ कदम नहीं उठाएगा, उसका इस निगरानी सूची से बाहर आना मुश्किल है।
एफएटीएफ ने कहा है कि पाकिस्तान जून, 2018 से लगातार यह वादा कर रहा है कि वह आतंकियों को वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने के ढांचे के खिलाफ काम करेगा और इन्हें रोकने के लिए कानूनी उपाय करेगा। इस बारे में पाकिस्तान की तरफ से राजनीतिक प्रतिबद्धता दिखाई गई है और वर्ष 2018 की कार्य योजना में शामिल 27 उपायों में से 26 उपायों पर कदम उठाये गये हैं। जून, 2021 में भी पाकिस्तान की सरकार ने एफएटीएफ की तरफ से दिए गए 7 कार्ययोजनाओं पर कदम उठाने का वादा किया है। इस बारे में जो समय सीमा तय की गई थी की उसमें से सात में से छह कार्ययोजनाओं पर वहां काम हुआ भी है। पाकिस्तान को आगे भी इस पर काम करते रहना होगा। इसका यह भी मतलब हुआ कि पिछली बार की बैठक में एफएटीएफफ ने पाकिस्तान सरकार को हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था लेकिन अभी तक इमरान खान की सरकार की तरफ से इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया।
पहले भी यह देखा गया है कि पाकिस्तान सरकार जिस तरह से कभी कभार हाफिज सईद या मसूद अजहर पर दिखावटी कार्रवाई करती है उससे काम नहीं चलने वाला। कई बार यह देखा गया है कि एफएटीएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान कुछ कदम उठाता है, लेकिन बाद में उन्हें राहत दे देता है। हाफिज सईद व मसूद अजहर को भी कई बार जेल में बंद किया जाता है लेकिन उनके संगठनों को दूसरे नामों से काम करने दिया जाता है।
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