भारत के राफेल फाइटर जेट से घबराई पाकिस्‍तान, फिर इमरान खान सरकार ने खरीदा चीनी विमान

लंबे समय तक हवा में रहने में सक्षम ड्रोन विमान को बनाने में करने के लिए कहा।

Update: 2021-12-30 06:46 GMT

भारत के राफेल फाइटर जेट से घबराई पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार ने अपने ही सांसद का विरोध दरकिनार करते हुए चीन से 25 J-10 लड़ाकू विमानों की एक पूरी स्क्वाड्रन खरीद ली है। पाकिस्‍तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने बुधवार को इस चीनी विमान सौदे की जानकारी दी। शेख रशीद ने बताया कि J-10C का एक पूरा स्क्वाड्रन अगले साल 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस समारोह में हिस्सा लेगा। चीन का दावा है कि J-10C विमान दुनिया के सर्वश्रेष्‍ठ लड़ाकू विमानों में से एक है लेकिन खुद पाकिस्‍तान के एक सांसद इसकी क्षमता पर गंभीर सवालिया निशान लगा चुके हैं।

माना जा रहा है कि चीन के दबाव में आकर पाकिस्‍तान ने इस डील को मंजूरी दी है। चीन का जे-10सी लड़ाकू विमान हर तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम माना जाता है। चीन ने साल 2006 में इस लड़ाकू विमान को अपने बेडे़ में शामिल किया था। इतने सालों में यह सिंगल इंजन वाला विमान चीन की वायुसेना की रीढ़ बन चुका है। जापान के रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि चीन अभी 468 जे 10-सी विमान उड़ा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन का यह विमान अमेरिका के एफ-16 विमान की तरह ही है। पाकिस्तान के पास अमेरिका में बने एफ-16 श्रेणी के लड़ाकू विमानों का एक बेड़ा पहले से ही मौजूद है।
'चीनी विमान उतना अच्‍छा नहीं है जितना कि भारत का राफेल विमान'
चीन ने जब इस विमान को शामिल करने ऐलान भी नहीं किया था, उस समय से ही पाकिस्‍तान इस विमान को खरीदना चाहता था। चीन के साथ पाकिस्‍तान की यह डील देश में विवादों में घिर चुकी है। पाकिस्‍तान के एक सीनेटर और पाकिस्‍तान मुस्लिम लीग नवाज गुट के नेता डॉक्‍टर अफनान उल्‍लाह खान ने जे 10 सी को खरीदने का विरोध किया है। उन्‍होंने कहा कि चीनी विमान को खरीदने का लॉजिक समझ नहीं आ रहा है। जे-10 पहले से ही पाकिस्‍तान की वायुसेना में मौजूद है और नया विमान उसका अपग्रेड वर्जन है।
पाकिस्‍तानी सांसद अफनान ने लिखा कि देश के पास पहले ही इसी तरह का फाइटर जेट मौजूद है, जैसाकि जे-10 सी है। उनका इशारा अमेरिका निर्मित एफ-16 की ओर था जिसे 1980 के दशक से पाकिस्‍तानी वायुसेना ऑपरेट कर रही है। सांसद ने दलील दी कि चीनी विमान उतना अच्‍छा नहीं है जितना कि भारत का राफेल विमान है। उन्‍होंने जे 10 सी को खरीदने की बजाय इस पैसे को जेएफ-17, पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान और लंबे समय तक हवा में रहने में सक्षम ड्रोन विमान को बनाने में करने के लिए कहा।


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