भारत की दुश्मनी में अंधा हुआ पाकिस्तान, सेना का बजट छह फीसदी बढ़ा
वस्तुओं के लिए भी कोई खास पैसा नहीं बचा है। वहीं, पेट्रोल की कीमतों में एक हफ्ते में 60 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की जनता गरीबी से जूझ रही है। महंगाई अपने रेकॉर्ड स्तर पर है और लोगों को खाने के लिए आटा भी नहीं मिल रहा है। लेकिन इस दौरान भी पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट का छह फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया है। सशस्त्र बलों के बढ़े वेतन और अन्य जरूरी हथियारों को खरीदने के लिए पाकिस्तान ने ये कदम उठाया है। कैबिनेट की आर्थिक समन्वय कमेटी (ECC) ने 80 अरब रुपये की वृद्धि का निर्णय लिया है। इसमें 182 अरब रुपए के पूरक अनुदान को मंजूरी दी गई थी।
रक्षा मंत्रालय ने मुख्यालय में जिन्ना नेवल बेस, तर्बत नेवल बेस और मल्टीफंक्शन बिल्डिंग समेत अन्य चीजों के लिए 80 अरब रुपए के अतिरिक्त रक्षा बजट की मांग की थी। ECC ने द्विपक्षीय फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के दुरुपयोग को रोकने के लिए चीन से आने वाले पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के आयात पर 10 फीसदी रेगुलेटरी ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ तेल की कंपनिया 10 फीसदी टैक्स से बचने के लिए अपने तेल को चीन होते हुए पाकिस्तान में लाती थीं।
80 अरब रुपए दिया गया अतिरिक्त बजट
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने ईसीसी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सशस्त्र बलों के लिए अतिरिक्त 80 अरब रुपए के पूरक बजट को मंजूरी दी गई। वित्त मंत्रालय का विचार था कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में अतिरिक्त खर्च 80 अरब रुपए से कम होगा। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने पिछले साल 1373 अरब रुपए का डिफेंस बजट जारी किया था।
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आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान भले ही अपना डिफेंस बजट बढ़ा रहा हो, लेकिन वह आर्थिक संकट की ओर बढ़ता दिख रहा है। पाकिस्तान में 27 मई को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान उसके विदेशी मुद्रा भंडार में तकरीबन 366 मिलियन डॉलर की बड़ी गिरावट देखने को मिली है। पाकिस्तान के पास दूसरे देशों से आयात होने वाली वस्तुओं के लिए भी कोई खास पैसा नहीं बचा है। वहीं, पेट्रोल की कीमतों में एक हफ्ते में 60 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।