अंग्रेजों के जमाने का है पाकिस्तान रेलवे, टेक्नॉलॉजिकल एडवांसमेंट के मामले में है भारत से पीछे
पाकिस्तान (Pakistan) लेकर हर भारतीय (Indian) के मन में जो भी धारणाएं हों लेकिन एक बात तो तय है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) लेकर हर भारतीय (Indian) के मन में जो भी धारणाएं हों लेकिन एक बात तो तय है कि अपने पड़ोसी देश के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की इच्छा सभी की रहती है. आज हम पाकिस्तान के रेलवे (Pakistan Railway) के बारे में जानते हैं कि वहां की ट्रेन, रेलवे स्टेशन कैसे होते हैं और यह कितने देशों के साथ रेलवे के जरिए जुड़ा है. साथ ही यह भी कि हमारे पड़ोसी देश और हमारे देश के रेलवे में क्या और कितना फर्क है.
ब्रिटिशर्स के जमाने में हुई थी शुरू
ब्रिटिशर्स ने जब भारत में रेल नेटवर्क (Indian Rail Network) शुरू किया था, उसी समय उन हिस्सों में भी ट्रेनें चलनी शुरू हुईं थीं, जो हिस्सा आज पाकिस्तान में है. यानी कि वहां भी 1861 में ट्रेनें शुरू हुईं थीं. यहां का रेल नेटवर्क भी काफी बड़ा है, जो करीब 7 करोड़ यात्रियों को सेवाएं देता है. इसके लिए तकरीबन 70 हजार लोग रेलवे में काम करते हैं. ये लोग यात्री सेवाओं के साथ-साथ 11,881 किमी में फैले रेल नेटवर्क की देख-रेख का काम भी करते हैं. हालांकि कोरोना के चलते पाक रेलवे ने भी कई खास इंतजाम किए हैं लेकिन टेक्नॉलॉजिकल एडवांसमेंट के मामले में यह भारतीय रेलवे से बहुत पीछे है. इसके अलावा यहां भारत के कुछ खास हिस्सों की तरह हाईटेक ट्रेन भी नहीं चलती हैं.
आधा दर्जन देशों से जुड़ा है पाक रेलवे
पाकिस्तान का रेलवे भारत के अलावा अफगानिस्तान, इरान, टर्की आदि देशों से भी जुड़ा हुआ है. यहां से इन देशों तक की यात्रा ट्रेन के जरिए की जा सकती है. भारत-पाकिस्तान यात्रा के लिए मशहूर ट्रेन समझौता एक्सप्रेस (Samjhauta Express) चलती है, जो कि पुरानी दिल्ली से शुरू होकर लाहौर तक जाती है. भारत-पाक के बीच के संबंधों का असर इस ट्रेन पर पड़ता है और कई बार संबंध बिगड़ने पर यह ट्रेन बंद करनी पड़ती है.