बाढ़ से प्रभावित पाकिस्तान, अपनी भूख मिटाने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हुई सरकार
इसके अलावा इस्लामिक सहयोग संगठन से भी पाकिस्तान को कोई मदद नहीं मिली है।
पाकिस्तान में आई बाढ़ का पानी भले ही कई इलाकों से उतर रहा है लेकिन इसके बाद होने वाली परेशानियों से सरकार जूझती दिखाई दे रही है। पीएम शहबाज शरीफ ने एक ट्वीट में इस ओर इशारा भी किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि हाल ही में देश में आई बाढ़ से खेतों में खड़ी फसल चौपट हो गई है। इसकी वजह से देश में अनाज की कमी हो गई है और देश को अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए बाहर से अनाज की खरीद करनी पड़ रही है। इस ट्वीट में उन्होंने पूरी दुनिया से फूड सिक्योरिटी की तरफ ध्यान देने की भी अपील की है।
पीएम शहबाज का ट्वीट
इस दौरान उन्होंने खाद्य संकट से जूझ रहे देशों की तरफ भी दुनिया का ध्यान दिलाया है। अपने ट्वीट में शहबाज ने लिखा है कि क्लाइमेट चंज, प्राकृतिक आपदा और विश्व में अनाज के बढ़ते दामों ने पूरी दुनिया के सामने खाद्यान्न संकट की बड़ी समस्या को खड़ा कर दिया है। पहले ही से विश्व में अनाज की कमी है और इस पर हर तरफ से मार पड़ी है। क्लाइमेट चेंज ने विश्व के लोगों पर गहरी चोट की है। हर तरफ इसका असर साफतौर पर दिखाई दे रहा है। विश्व में गरीब लोगों की संख्या में वृद्धि आई है। भूखमरी की मार झेलने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
बाढ़ से प्रभावित पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान में आई बाढ़ की वजह से देश का करीब एक तिहाई हिस्सा प्रभावित हुआ था। सरकारी और यूएन के आंकड़ों के मुताबिक इस आपदा से करीब 65 लाख लोग प्रभावित हुए थे। पाकिस्तान की सरकार ने बाढ़ से अकेले निपटने और देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने से हाथ खड़े कर लिए थे। सरकार ने न सिर्फ विश्व से मदद की अपील की थी बल्कि यूएन प्रमुख ने भी विश्व के बड़े देशों को कहा था कि ये उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वो पाकिस्तान को इस आपदा से उबरने में मदद करें।
फंड जुटाने में यूएन भी रहा विफल
यूएन ने पाकिस्तान की मदद के लिए फंड जुटाने 15 करोड़ डालर जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वो इसका आधा भी नहीं जुटा पाया। यहां पर ये भी बता दें कि हाल ही में यूनिसेफ ने कहा था कि उसे पाकिस्तान में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए जिन मदों में मदद की जानी थी, वो अब तक नहीं मिल सकी है। यूएन ने यहां तक कहा था कि पाकिस्तान की सरकार देश में बाढ़ पीडि़तों की मदद को मिले पैसे को पूरी एहतियात से उठाए। यूएन ने इसकी देखरेख के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी को काम सौंपने को भी पाकिस्तान से कहा था। यूएन की तरफ से आया ये बयान इस बात का संकेत था कि उसे ये विश्वास नहीं है कि पाकिस्तान को मिली ये रकम सही हाथों में जाएगी या नहीं।
ओआईसी से भी नहीं मिली कोई मदद
पाकिस्तान के नाम पर उसे मदद करने में अन्य देश ही नहीं बल्कि इस्लामिक देश भी पीछे रहे हैं। तुर्की और सऊदी अरब को छोड़ दें तो पाकिस्तान सरकार की मदद को कोई भी देश आगे नहीं आया है। तुर्की ने जहां बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए टैंट भेजे थे वहीं सऊदी अरब ने सैकड़ों टन खाने के पैकेट पाकिस्तान को भिजवाए थे। इसके अलावा इस्लामिक सहयोग संगठन से भी पाकिस्तान को कोई मदद नहीं मिली है।