पाक चीनी नागरिकों के स्वजन को 86 करोड़ देगा मुआवजा, हमले में कर्मचारियों ने गंवाई थी जान
विश्व बैंक की मदद से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में संचालित दासू जलविद्युत परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का हिस्सा
बीजिंग, एएनआइ। चीन के दबाव में पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने गत वर्ष 13 जुलाई को हुए आतंकी हमले में मृत व घायल 36 चीनी नागरिकों के स्वजन को 1.16 करोड़ डालर (करीब 86 करोड़ रुपये) का मुआवजा देने का फैसला किया है। चीनी ठेकेदारों और कर्मचारियों की सुरक्षा तथा दासू बांध परियोजना के पीड़ितों को मुआवजा देने के मुद्दे पर चीन व पाकिस्तान के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था।
विश्व बैंक की मदद से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में संचालित दासू जलविद्युत परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सपीईसी) का हिस्सा नहीं है। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी हमले के पीड़ित चीनी नागरिकों के स्वजन को मुआवजा देने का फैसला ईसीसी की बैठक में शुक्रवार को लिया गया, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री शौकत तरीन ने की थी। हांगकांग पोस्ट के अनुसार, चीनी विद्युत कंपनियां पाकिस्तान पर चीन में हुए ऐसे ही हादसे में पीड़ितों के परिवार को दिए जाने वाले मुआवजे के मुकाबले छह गुना भुगतान का दबाव बना रही थीं। इस आतंकी हमले के तत्काल बाद चीनी कंपनी ने काम बंद करके 3.7 करोड़ डालर के मुआवजे की मांग की थी। अधिकारियों का आकलन है कि जिस तरह चीन का दबदबा बढ़ रहा है, उसके अनुसार वर्ष 2025 तक पाकिस्तान में काम करने वाले चीनी नागरिकों की संख्या 50 लाख से ज्यादा हो जाएगी।
बाध्य नहीं था पाकिस्तान, फिर भी देना पड़ेगा दोगुना मुआवजा
प्रेट्र के अनुसार, आत्मघाती हमले में एक बस में सवार 10 चीनी नागरिक मारे गए थे, जबकि 26 घायल हुए थे। 4,320 मेगावाट दासू जलविद्युत परियोजना का निर्माण चीन की गेझोउबा कंपनी कर रही है। दिलचस्प है कि पाकिस्तान, चीनी कर्मचारियों को मुआवजा देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है। इतना ही नहीं, चीन ने अपने पीडि़त नागरिकों के लिए उसका दोगुना मुआवजा वसूला है, जितना वह खुद ऐसे ही हमलों के बाद भुगतान करता रहा है। पाकिस्तान सरकार ने पहले आतंकी हमले को गैस लीकेज बताने का प्रयास किया था, लेकिन बाद में उसे सच्चाई को स्वीकार करना पड़ा था। चीन ने भी वारदात की जांच के लिए विशेषज्ञों को भेजा था।