पाक: जमात-उद-दावा के तीन और नेताओं को ATC के तहत इतने सालों के कारावास की सजा

ATC के न्यायाधीश एजाज अहमद बुट्टार ने बृहस्पतिवार को अब्दुल सलाम बिन मोहम्मद, जफर इकबाल तथा मोहम्मद अशरफ को सजा सुनाई

Update: 2020-12-04 14:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अटक पाकिस्तान की एक अदालत ने आतंकवाद को वित्तीय मदद मुहैया कराने के दो मामलों में मुंबई आतंकी हमले के सरगना हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के तीन और आतंकवादियों को 15-15 साल कारावास की सजा सुनाई है। लाहौर की आतंकवाद रोधी-अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश एजाज अहमद बुट्टार ने बृहस्पतिवार को अब्दुल सलाम बिन मोहम्मद, जफर इकबाल तथा मोहम्मद अशरफ को सजा सुनाई।


जेयूडी प्रमुख सईद के बहनोई प्रोफेसर हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को दोनों मामलों में छह-छह महीने की सजा सुनाई गई है। संदिग्धों को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया। मीडिया को सुनवाई की रिपोर्टिंग करने की अनुमति नहीं थी।

इससे एक दिन पहले अदालत ने आतंकवाद को वित्तीय मदद मुहैया कराने के मामले में सईद के प्रवक्ता याहया मुजाहिद को 15 और साल के कारावास की सजा सुनाई थी। एटीसी ने पिछले महीने आतकंवाद के वित्तपोषण के दो मामलों में मुजाहिद को 32 साल की सजा सुनाई थी।

जेयूडी के वरिष्ठ नेता जफर इकबाल को अब कुल मिलाकर 41 साल जेल में बिताने होंगे। पंजाब पुलिस के आतंकवाद-रोधी विभाग ने सईद समेत जेयूडी नेताओं के खिलाफ विभिन्न शहरों में लगभग 41 मामले दर्ज किये थे। निचली अदालतें अब तक 27 मामलों में फैसला सुना चुकी है।

एटीसी ने आतंकवाद को वित्तीय मदद पहुंचाने के मामलों में सईद को आतंकवाद-रोधी अधिनियम की धारा 11-एन के तहत कुल मिलकर 21 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। 70 वर्षीय सईद जुलाई 2019 से लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है। इस तरह की खबरें हैं कि उसे जेल में ''वीआईपी प्रोटोकॉल'' दी गई है।


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