संपत्ति का ब्योरा नहीं देना पाक नेताओं को पड़ा भारी, कइयों की सदस्यता निलंबित
पाकिस्तान में संपत्ति का ब्योरा नहीं देने पर चुनाव आयोग ने कई मंत्रियों सहित 150 लोगों की सदस्यता निलंबित कर दी गई। जिन नेताओं की सदस्यता निलंबित की गई थी उसमें सूचना मंत्री फवाद चौधरी और सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह सहित लगभग 150 संघीय और प्रांतीय जनप्रतिनिधि शामिल थे।
पाकिस्तान में संपत्ति का ब्योरा नहीं देने पर चुनाव आयोग ने कई मंत्रियों सहित 150 लोगों की सदस्यता निलंबित कर दी गई। जिन नेताओं की सदस्यता निलंबित की गई थी उसमें सूचना मंत्री फवाद चौधरी और सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह सहित लगभग 150 संघीय और प्रांतीय जनप्रतिनिधि शामिल थे। हालांकि, बाद में निलंबन वापस भी ले लिया गया।
पिछले साल ही, आयोग ने कम से कम 154 जनप्रतिनिधियों की सदस्यता निलंबित कर दी थी, लेकिन बाद में उन सभी ने संबंधित विवरण जमा कर दिया और फिर उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई थी। पाकिस्तान की चुनाव इकाई का यह कदम तब आया जब निर्वाचित प्रतिनिधियों ने प्रत्येक साल के अंत तक संपत्ति और देनदारियों को अनिवार्य रूप से दाखिल करने के नियम का उल्लंघन किया।
निर्वाचन आयोग ने कहा था कि जिन प्रतिनिधियों की सदस्यता निलंबित की गई है, वे संसदीय कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते और उनकी सदस्यता तब तक निलंबित रहेगी जब तक कि वे अपना संबंधित विवरण जमा नहीं कर देते।
किसी को कोरोना वायरस है इसका पता लगाने के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाता है। लेकिन अब इसका एक और तरीका सामने आ रहा है जो थोड़ा अजीब लग सकता है। फ्रांसीसी शोधकर्ताओं के एक अध्ययन से पता चलता है कि प्रशिक्षित कुत्ते उन रोगियों में कोविड-19 का पता लगा सकते हैं, जिनको डेढ़ साल से अधिक समय तक वायरस है। अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी में किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि वायरस को सूंघने में कुत्तों को प्रभावी पाया गया है। अध्ययन की मानें तो अब RTPCR टेस्ट की जगह सूंघने वाले कुत्ते भी कोरोना वायरस की जांच कर सकते हैं।
कई रोगों को सूंघकर पहचान लेते हैं कुत्ते
कुत्तों को लंबे समय से चिकित्सा क्षेत्र में बमों और प्रतिबंधित दवाओं को सूंघने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। कुत्तों का इस्तेमाल कुछ प्रकार के कैंसर, मधुमेह और यहां तक कि पार्किंसंस रोग को भी सूंघने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया को 'बायोडिटेक्शन' कहा जाता है क्योंकि इसमें कोई टेस्ट या केमिकल शामिल नहीं होता है। 2020 में, जब महामारी आई तो वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने SARS-CoV-2 वायरस को सूंघने के लिए कुत्तों को प्रशिक्षित करना शुरू किया और उन्हें जल्दी ही सफलता मिली।
क्यों वायरस को पहचान लेते हैं कुत्ते?
अमेरिकी सरकार के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) के अनुसार, कुत्तों को उनकी अत्यंत संवेदनशील सूंघनेवाली प्रणाली के लिए जाना जाता है जो कि बड़ी संख्या में 1.5 पार्ट-प्रति-ट्रिलियन जैसे पदार्थों का भी पता लगा सकते हैं। जब कोई बीमार होता है, तो मानव शरीर विशिष्ट वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों या वीओसी को छोड़ता है। यह गैस के रूप में उत्सर्जित होता है और प्रति संक्रमण की एक विशिष्ट गंध होती है। इसलिए, जो लोग अपने अनूठे वीओसी के साथ कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, वे एक अलग गंध छोड़ते हैं जिसे 'बायोडिटेक्शन डॉग्स' द्वारा पहचाना जा सकता है।