'टीटीपी' से बातचीत करने पाक सेना और ISI अधिकारी पहुंचे काबुल

जिस वजह से वह TTP पर लगातार पाकिस्तान से बातचीत का दबाव डाल रहा है।

Update: 2022-05-17 04:03 GMT

काबुल:तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) के सामने अब पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार है। पाकिस्तानी सेना जो अभी तक कह रही थी कि TTP के साथ कोई समझौता नहीं होगा, वही अब इन हत्यारों से बातचीत करना चाहती है। TTP ने सेना के साथ-साथ चीनी नागरिकों को भी टारगेट किया है, जिससे पूरी दुनिया में ये साफ संकेत गया है कि पाकिस्तान सिर्फ आतंकवाद को बढ़ा सकता है, उससे लड़ नहीं सकता। पाकिस्तान ने अब पेशावर आर्मी कोर कमांडर फैज़ हमीद (Faiz Hameed) को TTP के साथ बातचीत और समझौते के लिए भेजा है। जानकारी के मुताबिक फैज़ हमीद अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के लिए काबुल के सेरेना होटल पहुंचे हैं।

द बलोचिस्तान पोस्ट की खबर के मुताबिक तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के 16 सदस्यों का अपहरण हो गया है। इन्हें पाकिस्तान के साथ जबरन बातचीत के लिए ले जाया गया है। हाल ही में पाकिस्तान ने अफगान तालिबान से कहा था कि वह TTP के साथ बातचीत में उसकी मदद करें। यह अपहरण उसी से जुड़ा प्रयास माना जा रहा है। TTP ने कहा है कि वह बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन वह पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी की गुंडागर्दी के आगे नहीं झुकेगा। बातचीत तभी किसी अंजाम पर पहुंचेगी जब वह TTP को फायदा पहुंचाए।
अफगान तालिबान से मदद मांगती रही है ISI
अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान ने पूरी तरह कब्जा जमा लिया। इसके बाद से ही लगातार पाकिस्तान की ओर से कई बार तालिबान को अनुरोध किया गया है कि वह TTP के खिलाफ लड़ाई में साथ आएं। हालांकि अफगान तालिबान ने अभी तक किसी भी तरह का कोई ऑपरेशन नहीं शुरू किया है, लेकिन वह इस बात पर सहमत है कि पाकिस्तान और TTP के बीच बातचीत होनी चाहिए। बातचीत के पहले चरण में TTP ने एक महीने के सीजफायर की घोषणा की थी। लेकिन इस दौरान पाक सेना और ISI चुपचाप ऑपरेशन के जरिए उन्हें निशाना बना रही थी।
इस वजह से मदद कर रहा अफगान तालिबान
जानकारी के मुताबिक पिछले महीने पाकिस्तानी वायुसेना ने अफगानिस्तान के खोश्त शहर पर एयर स्ट्राइक की थी। ये एयर स्ट्राइक वैसे तो TTP के लड़ाकों को मारने के लिए थी, लेकिन बड़ी संख्या में आम अफगानी नागरिक इसका शिकार बन गए। अफगान तालिबान ने इसे लेकर पाकिस्तान को चेतावनी भी दी थी। लेकिन उसे पता है कि अगर ये जंग जारी रही तो इस तरह का नुकसान आगे भी हो सकता है। जिस वजह से वह TTP पर लगातार पाकिस्तान से बातचीत का दबाव डाल रहा है। लेकिन TTP इस पर राजी नहीं था, जिसके बाद उसके 16 सदस्यों का अपहरण कर लिया गया है।

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