PAK सेना ने की कार्रवाई: तालिबान प्रवक्ता के फरार होने पर खुफिया विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी
जिससे उर्दू भाषा में धमकी दी गई थी.
पाकिस्तान की सेना (Pakistani Army) ने बुधवार को कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehrik-e-Taliban Pakistan) के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान (Ehsanullah Ehsan) के पिछले साल सेना की हिरासत में भागने के लिए जिम्मेदार 'खुफिया विभाग' के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. 2017 में गिरफ्तार एहसान जनवरी, 2020 में तथाकथित 'सेफ हाउस' (Safe House) से फरार हो गया था. सेना के मीडिया विंग के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार (Major General Babar Iftikhar) ने बताया, 'यह बहुत गंभीर मामला था और विस्तृत जांच के बाद इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया गया है.'
उन्होंने कहा, 'एहसान को फिर से पकड़ने की कोशिश जारी है, लेकिन फिलहाल हमें उसके ठिकाने का पता नहीं है.' प्रवक्ता ने घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और उन्हें क्या दंड दिया गया, इसकी कोई जानकारी नहीं दी है. इस मामले को लापरवाही का मामला बताया जा रहा है. मीडिया विंग ने कहा है कि एहसानुल्ला एहसान को भगाने में जिम्मेदार लोगों ने सीधे तौर पर कोई भूमिका नहीं निभाई है, बल्कि वह इनकी लापरवाही (Negligence) की वजह से भागा है.
कई घातक हमले किए थे
एहसानुल्ला एहसान करीब एक दशक तक टीटीपी का प्रवक्ता रहा है. वह अफगान सीमा (Afghan border) पर नियंत्रण करने वाले अपने संगठन से जुड़े बयान जारी करता था और प्रेस कॉन्फ्रेंस तक का आयोजन करता था. वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले घातक बम विस्फोट और धमाकों की खुलेआम जिम्मेदारी लेता था. इनमें साल 2012 में मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai) पर होने वाला हमला भी शामिल है. 9 साल पहले स्कूल जाने के दौरान इसी तालिबानी आतंकी ने युसुफजई के ऊपर जानलेवा हमला किया था.
मलाला ने पाक सेना पर उठाए थे सवाल
हाल ही में एहसान नाम के एक ट्विटर हैंडल के ट्वीट का जवाब देते हुए नोबल पुरस्कार (Nobel Laureate) विजेता मलाला युसुफजई ने भी एक ट्वीट किया था. जिसमें मलाला ने पाकिस्तान की सेना और प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) दोनों को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने दोनों पूछा कि उन पर हमला करने वाला एहसानुल्लाह एहसान कैसे सरकारी हिरासत से फरार हो गया. वर्तमान में एहसान की गिरफ्तारी और फरारी दोनों की परिस्थितियों को लेकर विवाद बना हुआ है. भागने के बाद से एहसान ने उसी ट्विटर अकाउंट के जरिए पाकिस्तानी पत्रकारों के साथ संवाद किया था, जिससे उर्दू भाषा में धमकी दी गई थी.