म्यांमार खदान में बड़े भूस्खलन के बाद 100 से ज्यादा लापता, 70 से ज्यादा खनिक झील में बहे

उत्तरी म्यांमार के काचिन प्रांत स्थित एक दूरस्थ जेड खदान में बुधवार तड़के हुए एक भूस्खलन में 100 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबरें हैं। आशंका है कि इनमें से कइयों की मौत हो गई है।

Update: 2021-12-23 01:19 GMT

उत्तरी म्यांमार के काचिन प्रांत स्थित एक दूरस्थ जेड खदान में बुधवार तड़के हुए एक भूस्खलन में 100 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबरें हैं। आशंका है कि इनमें से कइयों की मौत हो गई है। 25 से अधिक घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद बचाव दल के 200 सदस्य मौके पर पहुंचे हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां म्यांमार सेना और जातीय गुरिल्ला बलों के बीच संघर्ष जारी है।

काचिन प्रांत की हपकांत खदान में यह हादसा बुधवार तड़के करीब 4 बजे हुआ। जानकारी के मुताबिक जिस वक्त यह हादसा हुआ तब कई लोग खदान में काम कर रहे थे। म्यांमार में बड़ी संख्या में जेड खदानें हैं। जेड या हरिताश्म एक चमकीला पत्थर है। बचाव कार्यों की देखरेख कर रहे गयूनार बचाव दल के अधिकारी न्यो चाव ने बताया कि भूस्खलन के वक्त जेड की खुदाई कर रहे 70 से अधिक खनिक सुबह होने से कुछ घंटे पहले एक झील में बह गए।
उन्होंने कहा, लोनेखिन गांव के आसपास की कई खदानों से मिट्टी और कचरा एक चट्टान से 60 मीटर नीचे खिसक आया और खनिकों से टकरा गया। भूस्खलन में कम से कम पांच युवतियां और तीन छोटी दुकानें भी दब गईं। न्यो चाव ने कहा कि दोपहर तक मिट्टी के विशाल मलबे से एक जेड कार्यकर्ता का शव बरामद किया गया।
लापता लोगों की तलाश कर रहे 200 बचावकर्मी
बचाव दल के न्यो चाव ने कहा, करीब 200 बचावकर्मी और दमकलकर्मी इलाके की तलाश कर रहे हैं और हमें अब तक एक जेड खनिक का शव मिला है और हम अन्य को ढूंढ रहे हैं। हैपकांत, म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून के उत्तर में 950 किलोमीटर उत्तर में स्थित काचिन प्रांत में एक पहाड़ी पर स्थित दूरस्थ क्षेत्र है। यहां दुनिया के सबसे उम्दा जेड की खदानें हैं, जो इस उद्योग को भ्रष्टाचार का केंद्र भी बनाती हैं।
अक्सर होते हैं भूस्खलन
म्यांमार में पिछले साल जुलाई में भी भारी बारिश की वजह से काचिन राज्य की एक खदान में भूस्खलन हुआ था। इस हादसे में करीब 300 लोगों की जान जा चुकी है। इस हादसे में 100 लोग तो सिर्फ जमीन के अंदर ही दफन हो गए थे। क्षेत्र में अक्सर भूस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं। नवंबर 2015 में हुए एक भूस्खलन में यहां 116 लोग मारे गए थे।

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